Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

रेप के मामले में शाहनवाज हुसैन की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने की खारिज, नहीं मिली कोई राहत

दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शाहनवाज हुसैन की निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका खारिज कर दी है। निचली अदालत ने पुलिस को दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली एक महिला की शिकायत पर हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था।

03:40 PM Aug 18, 2022 IST | Desk Team

दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शाहनवाज हुसैन की निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका खारिज कर दी है। निचली अदालत ने पुलिस को दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली एक महिला की शिकायत पर हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शाहनवाज हुसैन की निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका खारिज कर दी है। निचली अदालत ने पुलिस को दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली एक महिला की शिकायत पर हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति आशा मेनन ने बताया कि 2018 के निचली अदालत के प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने में कोई गड़बड़ी नहीं है और अंतरिम आदेश रद्द किया जाता है।
Advertisement
वही,अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ मौजूदा याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। याचिका खारिज की जाती है। अंतरिम आदेश रद्द किया जाता है। तुरंत प्राथमिकी दर्ज की जाए। जांच पूरी की जाए और सीआरपीसी (दण्ड प्रक्रिया संहिता) की धारा 173 के तहत विस्तृत रिपोर्ट तीन महीने के भीतर एमएम (मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट) के समक्ष प्रस्तुत की जाए।’’ उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस की स्थिति रिपोर्ट में चार बार आरोप लगाने वाली महिला के बयान का संदर्भ दिया गया है, लेकिन प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।
चार साल पहले हुसैन पर लगा था आरोप 
इसी ले साथ अदालत ने कहा, ‘‘प्राथमिकी तंत्र को सक्रिय बनाए रखती है। यह शिकायत में उल्लेखित अपराध की जांच के लिए एक आधार है। जांच के बाद ही पुलिस इस नतीजे पर पहुंच सकती है कि अपराध हुआ या नहीं और अगर किया गया तो किसने इसे अंजाम दिया। मौजूदा मामले में, पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर पूरी तरह से अनिच्छुक नजर आ रही है।’’ दिल्ली की एक महिला ने 2018 में बलात्कार का आरोप लगाते हुए हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर निचली अदालत का रुख किया था। एक मजिस्ट्रेट अदालत ने सात जुलाई 2018 को हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देते हुए कहा था कि मामला एक संज्ञेय अपराध से जुड़ा है।
भाजपा नेता ने सत्र अदालत में फैसले को दी थी चुनौती 
भाजपा के नेता ने इस फैसले को सत्र अदालत में चुनौती दी थी, जिसने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद हुसैन ने उच्च न्यायालय का रुख किया था। उच्च न्यायालय ने 13 जुलाई 2018 को निचली अदालत के उस आदेश पर रोक लगाते हुए एक अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसमें दिल्ली पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। अदालत ने तब हुसैन की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए महिला और पुलिस से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था।
वही, पूर्व मंत्री हुसैन ने निचली अदालत के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी कि पुलिस की जांच में शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप सिद्ध नहीं होने के बावजूद निचली अदालत ने प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। अभियोजन पक्ष ने कहा कि ललिता कुमारी मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों के आलोक में प्राथमिकी दर्ज की जानी थी और उसे दर्ज किए जाने के संबंध में दिए आदेश में कोई खामी नहीं है। 
Advertisement
Next Article