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आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा है कि दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति संबंधी कथित घोटाले से जुड़ी धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं होंगे और एजेंसी को बार-बार समन जारी करने के बजाय अदालत के आदेश का इंतजार करना चाहिए।
यह सातवीं बार है जब केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय के समन पर एजेंसी के सामने पेश नहीं होंगे। प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री को सातवां समन जारी कर उन्हें पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश होने को कहा था।केजरीवाल अब तक एक भी समन के अनुपालन में एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए हैं और उन्होंने इन समन को ‘‘अवैध’’ करार दिया है। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय को भी पत्र लिखकर ये समन वापस लेने की मांग की थी।
‘आप’ ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं होंगे।उसने कहा कि दिल्ली की एक अदालत निदेशालय के समन की वैधता के मामले पर 16 मार्च को सुनवाई करेगी और एजेंसी को बार-बार समन भेजने के बजाय उसके आदेश का इंतजार करना चाहिए।प्रवर्तन निदेशालय ने सातवां समन जारी करते हुए इस तर्क को खारिज कर दिया था कि केजरीवाल को पेश होने के लिए भेजा गया नया नोटिस अनुचित था क्योंकि मामला स्थानीय अदालत में विचाराधीन है।
दरअसल, ईडी ने आबकारी नीति से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में समन का पालन नहीं किए जाने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली में अदालत का दरवाजा खटखटाया है। जांच एजेंसी की शिकायत में आरोप लगाया गया कि सीएम केजरीवाल जानबूझकर समन का पालन नहीं करना चाहते थे और बहाने बनाते रहे। एजेंसी ने कहा, ‘अगर उनके जैसे उच्च पदस्थ सार्वजनिक पदाधिकारी ने कानून की अवज्ञा की, तो यह आम आदमी के लिए एक गलत उदाहरण स्थापित होगा।'