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दिल्ली के उपराज्यपाल, भाजपा ने कश्मीरी प्रवासी शिक्षकों को नियमित करने का विरोध किया : AAP

आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल नीत सरकार से मंजूरी मिलने के बावजूद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ाने वाले कश्मीरी प्रवासी शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने का बार-बार विरोध किया है।

03:18 AM Mar 30, 2022 IST | Shera Rajput

आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल नीत सरकार से मंजूरी मिलने के बावजूद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ाने वाले कश्मीरी प्रवासी शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने का बार-बार विरोध किया है।

आम आदमी पार्टी  ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल नीत सरकार से मंजूरी मिलने के बावजूद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ाने वाले कश्मीरी प्रवासी शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने का बार-बार विरोध किया है।
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गौरतलब है कि एक दिन पहले ही शिक्षकों के एसोसिएशन ने प्रवासी शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने का श्रेय लेने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना की थी और कहा कि इस संबंध में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद सरकार के पास कोई विकल्प नहीं बचा था।
दिल्ली विधानसभा परिसर में संवाददाता सम्मेलन में ‘आप’ विधायक आतिशि और सौरभ भारद्वाज ने शिक्षक एसोसिएशन के दावे को झुठलाते हुए उसे ‘झूठा और भ्रामक’ बताया तथा भारतीय जनता पार्टी पर इसे लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया।
‘सरकारी स्कूल शिक्षक एसोसिएशन (प्रवासी)’ के समन्वयक दीलिप भान द्वारा सोमवार को जारी बयान से राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
आतिशि ने कहा, ‘‘आप सरकार के गठन के बाद ये कश्मीरी शिक्षक (मुख्यमंत्री अरविंद) केजरीवाल के पास आए थे और (उपमुख्यमंत्री) मनीष सिसोदिया से भी मिले थे। केजरीवाल सरकार ने तय किया कि उनकी सेवाएं नियमित की जानी चाहिए। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।’’
उन्होंने दावा किया, लेकिन उपराज्यपाल बैजल ने 235 शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने का विरोध किया।
संवाददाता सम्मेलन में कुछ दस्तावेज दिखाते हुए आतिशि ने दावा किया, ‘‘भाजपा के उपराज्यपाल (बैजल) फाइल पर यह नोट लिखते हैं कि यह सेवा से जुड़ा मामला है और इसमें हस्तक्षेप करना दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है और इस संबंध में सभी फैसले उपराज्यपाल द्वारा लिए जाएंगे।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि यह फैसला अकेले उपराज्यपाल का नहीं था, बल्कि उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्रालय के साथ भी इस पर विचार विमर्श किया था।
भाजपा ने ‘आप’ पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने शिक्षक संघ पर ‘‘खुलासा’’ होने के बाद ‘‘अपने पक्ष में बोलने’’ के लिए दबाव डाला।
भाजपा की दिल्ली इकाई के महासचिव हर्ष मल्होत्रा ने एक बयान में आरोप लगाया, ‘‘पूरा देश जानता है कि शरणार्थी स्थानीय सरकार का विरोध करने की स्थिति में नहीं हैं और ‘आप’ उनकी कमजोरी का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब केजरीवाल को कश्मीरी पंडितों पर फिल्म को झूठ बताने के लिए व्यापक निंदा का सामना करना पड़ रहा है, तो ‘आप’ कश्मीरी संविदा शिक्षकों के नियमितीकरण के मुद्दे को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है।’’
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