Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

दिल्ली: वजीरपुर के जेलर वाला बाग में 500 से ज्यादा झुग्गियां तोड़ी गई

अशोक विहार में फ्लैट आवंटन पर सवाल, कागजात रद्द

06:33 AM Jun 16, 2025 IST | IANS

अशोक विहार में फ्लैट आवंटन पर सवाल, कागजात रद्द

दिल्ली के वजीरपुर में जेलर वाला बाग में 500 से अधिक झुग्गियों को तोड़ा गया, जिससे स्थानीय निवासियों में असंतोष फैल गया। उन्हें अशोक विहार में फ्लैट आवंटित किए गए थे, लेकिन उनके कागजात रद्द कर दिए गए। सरकार के वादों पर सवाल उठाते हुए, निवासियों ने अपनी समस्याओं के प्रति प्रशासन की उदासीनता की आलोचना की।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के वजीरपुर स्थित जेलर वाला बाग में सोमवार सुबह से बड़े पैमाने पर झुग्गियों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई। इस दौरान करीब 500 से अधिक झुग्गियों को तोड़ा गया। कार्रवाई को सुचारू रूप से चलाने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी, ताकि किसी भी विरोध या हंगामे को रोका जा सके। बताया जा रहा है कि इन झुग्गियों में रहने वाले लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अशोक विहार में फ्लैट आवंटित किए गए थे और अब इस इलाके को पूरी तरह खाली करने की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि, स्थानीय निवासियों ने इस कार्रवाई पर गहरा असंतोष जताया है। एक निवासी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “हमने (फ्लैट के लिए) सभी जरूरी कागजात जमा किए थे, लेकिन उन्हें रद्द कर दिया गया। अब हम अपना सामान लेकर कहां जाएं? चुनाव के समय नेता वोट मांगने आते हैं, बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन अब कोई हमारी सुध लेने नहीं आ रहा।”

निवासियों का आरोप है कि सरकार के “झुग्गियां नहीं तोड़ने” के दावे केवल जुमले हैं, जिनका हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है। एक अन्य निवासी ने बताया, “हम बचपन से यहां रह रहे हैं, लेकिन हमें आज तक कुछ नहीं मिला। हमारी झुग्गियां तोड़ दी गईं, अब हम अपने बच्चों के साथ रेल की पटरियों पर हैं। हमें कोई जवाब नहीं दे रहा कि हम कहां जाएं।” लोगों का कहना है कि सरकार और प्रशासन उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि यह कार्रवाई दिल्ली में लगातार चल रही डिमोलिशन ड्राइव का हिस्सा है, जिसके तहत अवैध निर्माण और झुग्गियों को हटाया जा रहा है। लेकिन प्रभावित लोगों का कहना है कि बिना उचित पुनर्वास के ऐसी कार्रवाइयां उनकी जिंदगी को और मुश्किल बना रही हैं।

Advertisement
Advertisement
Next Article