'25 से घटकर लगभग 12.5 घंटे का होगा सफर, तय करेगा 6 राज्य...', जल्द दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेस पर गश्त करते दिखेंगे वाहन
Delhi Mumbai Expressway Updates: भारत में सड़क ढांचा तेजी से आधुनिक हो रहा है और उसी दिशा में दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेस-वे देश की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में गिना जा रहा है। यह सिर्फ एक हाईवे नहीं बल्कि देश की दो महत्वपूर्ण आर्थिक राजधानियों, दिल्ली और मुंबई को तेज, सुरक्षित और सुगम यात्रा से जोड़ने की एक बड़ी पहल है। छह से आठ लेन का यह मार्ग भविष्य में 12 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। एक्सप्रेस-वे पूरी तरह तैयार होने पर दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा समय 25 घंटे से घटकर लगभग 12.5 घंटे रह जाएगा।
Delhi Mumbai Expressway Updates: कौन-कौन से राज्य होंगे जुड़ाव में शामिल
यह एक्सप्रेस-वे छह राज्यों से होकर गुजरता है, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र। यात्रा की शुरुआत दिल्ली के DND फ्लाईवे और सोहना से होती है, जबकि अंत महाराष्ट्र के विरार और जेएनपीटी पोर्ट पर होता है। इसकी कुल लंबाई लगभग 1355 किलोमीटर है, जिसमें से 774 किलोमीटर हिस्सा यात्रियों के लिए खोल दिया गया है। बाकी का काम मार्च 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।

Delhi Mumbai Expressway: परियोजना की मुख्य विशेषताएं
- यात्रा की अधिकतम गति—120 किमी/घंटा।
- लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की लागत।
- 15,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि उपयोग।
- बड़े शहरों जैसे जयपुर, उदयपुर, इंदौर, भोपाल, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत तक तेज पहुंच।
- लगभग 80 लाख टन सीमेंट का उपयोग, जो इसकी मजबूती दर्शाता है।
Delhi Ncr News Today: चार मुख्य सेक्शन में बना पूरा मार्ग
1. दिल्ली से फरीदाबाद और KMP एक्सप्रेस-वे
यह हिस्सा एक्सप्रेस-वे का प्रवेश द्वार माना जाता है। DND से निकलकर यह ओखला और कालिंदी कुंज से होते हुए फरीदाबाद तक आता है। लगभग 24 किलोमीटर का हिस्सा चालू है, जिससे फरीदाबाद से नोएडा का सफर अब सिर्फ 20 मिनट में पूरा हो जाता है। आगे यह जेवर एयरपोर्ट से भी जुड़ेगा।

2. सोहना से वडोदरा तक (सबसे लंबा हिस्सा)
यह भाग लगभग 845 किलोमीटर का है। हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के कई जिलों को जोड़ता है। यह औद्योगिक क्षेत्रों के बीच से गुजरने के कारण व्यापार और माल ढुलाई के लिए बेहद लाभकारी होगा।
3. वडोदरा से विरार तक
यह हिस्सा गुजरात और महाराष्ट्र के बीच की दूरी काफी कम कर देता है। नवसारी और वलसाड जैसे क्षेत्र इससे जुड़ते हैं। आगे चलकर यह मुंबई के नजदीक विरार तक पहुंचाता है।
4. विरार से जेएनपीटी पोर्ट तक
यह अंतिम सेक्शन मुंबई और जेएनपीटी पोर्ट के बीच तेज कनेक्टिविटी देकर लॉजिस्टिक लागत कम करेगा और निर्यात–आयात में तेजी लाएगा।

आधुनिक टोल सिस्टम और सुविधाएं
एक्सप्रेस-वे पर पूरी तरह ऑटोमैटिक FASTag आधारित टोल व्यवस्था होगी। हर 50 किलोमीटर पर एंट्री–एग्जिट पॉइंट बन रहे हैं। रास्ते में हर 93 किलोमीटर पर सुविधा केंद्र होंगे, जहां पेट्रोल पंप, होटल, चार्जिंग स्टेशन, एटीएम और रेस्टोरेंट उपलब्ध रहेंगे। सुरक्षा के लिए हर 100 किलोमीटर पर हेलिपैड और ट्रॉमा सेंटर बनाए जा रहे हैं।
पर्यावरण और तकनीक को मिलेगी बढ़त
- पूरे मार्ग पर लगभग 20 लाख पेड़ लगाए जा रहे हैं।
- इलेक्ट्रिक हाईवे की विशेष लेन बनाई जा रही है।
- भारी इलेक्ट्रिक वाहन 120 किमी/घंटा की गति से चल सकेंगे।
- वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कई एनिमल ओवरपास और अंडरपास।
- सड़क किनारे ऑप्टिक फाइबर बिछाया जा रहा है, जिससे डिजिटल नेटवर्क भी मजबूत होगा।
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