Arvind Kejriwal नवरात्रि के दौरान छोड़ेंगे अपना सरकारी आवास, कहा- 'रहने के लिए मेरे पास घर नहीं'
Arvind Kejriwal: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को जंतर-मंतर पर जनता की अदालत लगाई। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए बताया कि वह अगले कुछ दिनों में सीएम आवास छोड़ देंगे।
Highlights
- Arvind Kejriwal सरकारी आवास छोड़ने का बताया समय
- 'रहने के लिए मेरे पास घर नहीं- Arvind Kejriwal
- 10 साल की राजनीति में सम्मान कामया हूं- Arvind Kejriwal
Arvind Kejriwal ने जंतर-मंतर पर लगाई जनता की अदालत
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को जंतर-मंतर पर जनता की अदालत लगाई। उन्होंने इस दौरान बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी उन्हें बेईमान साबित करने में लगी है, लेकिन मैंने अपने 10 साल की राजनीति में इज्जत, ईमानदारी और आपके प्यार के अलावा कुछ नहीं कमाया। उन्होंने बताया कि वह अगले कुछ दिनों में सीएम आवास छोड़ देंगे।
नवरात्रि उत्सव के दौरान छोड़ेंगे सरकारी आवास- केजरीवाल
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह तीन अक्टूबर से शुरू होने वाले आगामी नवरात्रि उत्सव के दौरान अपना आधिकारिक आवास छोड़ देंगे। आज मेरे पास दिल्ली में रहने के लिए घर नहीं है। मेरे बैंक में कोई बैलेंस नहीं है। पार्टी के खाते में कोई बैलेंस नहीं है। मैंने अपनी 10 साल की राजनीति में ईमानदारी के अलावा कुछ नहीं कमाया। लोग कहते हैं कि आपने 10 साल में क्या किया, जबकि बाकी नेता तो बहुत कुछ कर लेते हैं। मैं उन्हें कहता हूं मैं नेता नहीं हूं।
केजरीवाल का भाजपा पर आरोप
केजरीवाल ने 17 सितंबर को इस्तीफा देने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि उसने झूठे मामले में उनको फंसाया और कहा कि वह 'बेईमानी के दाग' के साथ नहीं रह सकते। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से पूछा, बेईमान होने के कलंक के साथ मैं जी भी नहीं सकता, काम करना तो दूर की बात है। अगर मैं बेईमान होता तो क्या मैं महिलाओं के लिए बिजली और बस यात्रा मुफ्त कर देता? क्या मैं सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में सुधार कर पाता?
13 सितंबर को तिहाड़ जेल से जमानत
आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति मामले में पांच महीने से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद 13 सितंबर को तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए। केजरीवाल ने कहा कि वह देश की सेवा के लिए राजनीति में आए हैं, न कि किसी सत्ता या पद के लालच में। पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से आहत होकर इस्तीफा दिया है। 10 वर्षों में उन्होंने पैसा नहीं, बल्कि केवल सम्मान कमाया है। उन्होंने कहा, मैं कोई नेता नहीं हूं, मेरी चमड़ी मोटी नहीं है। इससे मुझे फर्क पड़ता है। जब भाजपा के लोग मुझ पर कीचड़ उछालते हैं और मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाते हैं तो मुझे दुख होता है।
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