India WorldDelhi NCR Uttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir Bihar Other States
Sports | Other GamesCricket
Horoscope Bollywood Kesari Social World CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

बंगाल : सीपीएम के लिए आसान नहीं राहें

04:44 AM May 04, 2024 IST
Advertisement

सीपीएम अब पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के सहारे अपना खाता खोलने के लिए पूरी तरह तैयार है। मालदा दक्षिण, मालदा उत्तर, जंगीपुर और मुर्शिदाबाद के चार निर्वाचन क्षेत्र 7 मई को मतदान के लिए तैयार हैं और इन्हें कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। पश्चिम बंगाल के मालदा उत्तर निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन, बीजेपी और टीएमसी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा। एक समय कांग्रेस का गढ़ रहे इस निर्वाचन क्षेत्र में पिछले एक दशक में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस का उदय हुआ है। यहां बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू को टीएमसी के पूर्व आईपीएस अधिकारी प्रसून बनर्जी के खिलाफ खड़ा किया गया है। कांग्रेस ने मुस्ताक आलम को मैदान में उतारा है। हबीबपुर के पूर्व सीपीएम विधायक मुर्मू 2019 में भाजपा में शामिल हो गए थे।
दूसरी ओर, मालदा दक्षिण सीट पर एक दिलचस्प चुनावी मुकाबला है, जिसमें रेहान जहां तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, वहीं श्रीरूपा मित्रा चौधरी भाजपा की ओर से किस्मत आजमा रही हैं जबकि कांग्रेस के ईशा खान चौधरी इस सीट को बरकरार रखने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। चौधरी के पिता अबू हासेम खान चौधरी ने पिछले पांच वर्षों में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है। जहां 2019 में कांग्रेस ने यहां जीत हासिल की थी, वहीं 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल ने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था। चूंकि इस निर्वाचन क्षेत्र में अधिकांश मतदाता मुस्लिम हैं, लिहाजा उनके वोटों में विभाजन से भाजपा को कांग्रेस और टीएमसी पर अतिरिक्त बढ़त मिल सकती है। इस बीच, तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को आरोप लगाया कि बंगाल में कांग्रेस नेतृत्व ने राज्य में इंडिया गठबंधन को विफल कर दिया है और उन्होंने पार्टी को मालदा में वोट कटुआ करार दिया, एक ऐसा जिला जहां तृणमूल ने कभी भी लोकसभा चुनाव नहीं जीता है। इसी तरह, मुर्शिदाबाद सीट पर सीपीएम महासचिव मोहम्मद सलीम, तृणमूल के मौजूदा सांसद अबू ताहेर खान और बीजेपी के गौरी शंकर घोष ताल ठोंक रहे हैं।
यहां कांग्रेस ने सीपीएम कैंडिडेट के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और कांग्रेस नेता अधीर चौधरी सीपीएम के लिए प्रचार कर रहे हैं, लेकिन मुर्शिदाबाद में सीपीएम को बीजेपी से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि यहां बीजेपी हिंदू वोटाें को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। जंगीपुर सीट पर कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन, बीजेपी और टीएमसी में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। 2019 में यह सीट तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी और स्थानीय व्यवसायी खलीलुर रहमान ने जीती थी। इस बार वह दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी की ओर से धनंजय घोष और कांग्रेस की ओर से मुर्तजा हुसैन दौड़ में हैं।
केरल : भाजपा के खिलाफ सीपीएम का जवाबी अभियान
भाजपा नेता शोभा सुरेंद्रन और केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष के. सुधाकरन के यह आरोप लगाने के बाद कि लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के संयोजक ई.पी. जयराजन ने भगवा पार्टी में शामिल होने के संबंध में प्रकाश जावड़ेकर के साथ चर्चा की थी, वामपंथी कार्यकर्ताओं ने हैरत जताते हुए अपनी प्रतिक्रियाएं दी थीं।
इस बीच, एक राजनीतिक बिचौलिए टी.जी. नंदकुमार ने दावा किया था कि जावड़ेकर ने भाजपा के लिए त्रिशूर लोकसभा सीट सुरक्षित करने में सीपीआई (एम) की सहायता लेने के उद्देश्य से जयराजन से उनकी उपस्थिति में तिरुवनंतपुरम के एक फ्लैट में मुलाकात की थी। हालाँकि, ई.पी. जयराजन ने प्रस्ताव से इनकार कर दिया और उन्होंने मंगलवार को भाजपा नेता शोभा सुरेंद्रन, केपीसीसी अध्यक्ष के सुधाकरन और बिचौलिए के खिलाफ कानूनी नोटिस भेजा, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने उन्हें और उनकी पार्टी को अपमानित करने की साजिश रचने के बाद गलत प्रचार किया है। इस मामले में राज्य सीपीएम ने जयराजन को क्लीन चिट दे दी है लेकिन अंतिम फैसला सीपीएम सेंट्रल कमेटी लेगी। राज्य सीपीएम ने भी इस मुद्दे पर जवाबी अभियान शुरू करने का फैसला किया है ताकि यह दिखाया जा सके कि पार्टी के नेता उन्हें लुभाने की भाजपा की कोशिशों का कैसे सामना करते हैं।
अफजाल ने बेटी को बनाया विकल्प
गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी की सीट से चुनाव लड़ने की पात्रता पर अदालत के फैसले की प्रतीक्षा के साथ, अफजाल अंसारी ने पहले ही अपनी बेटी नुसरत अंसारी के अलावा एक बैकअप उम्मीदवार का फैसला कर लिया है और वह गाजीपर सीट से अपना नामांकन भी दाखिल कर सकते हैं। हालांकि नुसरत पहले ही गाजीपुर में चुनाव प्रचार शुरू कर चुकी हैं। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव उनके परिवार से मिलने गए थे तो नुसरत ने उनसे मुलाकात की थी। उधर, बीजेपी प्रत्याशी पारसनाथ राय की बेटी वंदना राय ने भी पहली बार सांसद का चुनाव लड़ रहे अपने पिता के लिए गाजीपुर में चुनाव प्रचार की कमान संभाल ली है।
अखिलेश की 21 वर्षीय बेटी ने दिखाया दम
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की 21 वर्षीय बड़ी बेटी अदिति ने चिलचिलाती धूप में यूपी के मैनपुरी जिले में अपनी मां डिंपल यादव के लिए प्रचार में भागीदारी कर राजनीति में अत्यधिक रुचि दिखाई है। अपनी मां के लिए वोट मांगते हुए अदिति हाई-प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्र में स्थानीय लोगों की छोटी सभाओं को संबोधित कर रही है। अपनी मां के लिए प्रचार करने के उनके वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जहां इंस्टाग्राम पर उनके 405के और 'X' पर 317.1 के फॉलोअर्स हैं।
डिंपल लगातार दूसरी बार मैनपुरी सीट से जीत हासिल करने का प्रयास कर रही है। यह सीट पहले सपा संरक्षक और उनके ससुर मुलायम सिंह यादव के पास थी। उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्य मंत्री जयवीर सिंह और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के शिव प्रसाद यादव मैदान में हैं। मैनपुरी में 7 मई को मतदान होगा। एक अनुभवी राजनेता की तरह, वह हाथ जोड़कर बुजुर्गों और महिलाओं का अभिवादन करती है जबकि अपनी उम्र के बच्चों और युवाओं की ओर हाथ हिलाती है। उनका स्वागत मालाओं, गुलदस्तों से किया जाता है और बूढ़े लोगों को उनके सिर पर पगड़ी डालते देखा जा सकता है।

Advertisement
Next Article