MCD Standing Committee की खाली सीट पर BJP की जीत, AAP ने किया बहिष्कार
MCD Standing Committee: भाजपा ने दिल्ली नगर निगम की 18 सदस्यीय स्थायी समिति की एकमात्र रिक्त सीट पर शुक्रवार को निर्विरोध जीत हासिल की क्योंकि सत्तारूढ़ आप और कांग्रेस के पार्षदों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। भाजपा पार्षद सुंदर सिंह तंवर स्थाई समिति के सदस्य बने हैं।
Highlights
- MCD Standing Committee में BJP की जीत
- AAP ने चुनाव का किया बहिष्कार
- अरविंद केजरीवाल का आरोप
खाली सीट पर BJP की जीत
दिल्ली में एमसीडी सदन में आज शुक्रवार को हुई एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी चुनाव के परिणाम सामने आ चुका है। एक रिक्त पद पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। एमसीडी के सदन में स्थाई समिति के एक सदस्य के रिक्त पद पर भाजपा पार्षद सुंदर सिंह तंवर जीते हैं। उन्हें 115 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी AAP की निर्मला कुमारी को कोई वोट नहीं मिला।
बीजेपी से सुंदर सिंह को मिली जीत
दिल्ली नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर की अध्यक्षता में चुनाव कराए गए। खास बात यह है कि चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के निगम पार्षद शामिल नहीं हुए। आप एलजी के आदेश का विरोध करते हुए चुनाव का बहिष्कार किया। बता दें कि एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के एकमात्र सदस्य के चुनाव में बीजेपी ने सुंदर सिंह को प्रत्याशी बनाया था। जबकि आम आमदी पार्टी ने निर्मला कुमारी को मैदान में उतारा था। यह पहली बार है कि चुनाव आप और कांग्रेस पार्षदों की भागीदारी के बिना हुआ। भाजपा पार्षद कमलजीत सहरावत के पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी।
अरविंद केजरीवाल का आरोप
आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति की एकमात्र रिक्त सीट पर भाजपा की जीत के बाद शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने नगर निकाय पर गलत तरीके से कब्जा कर लिया है और जनादेश चुरा लिया है। सत्तारूढ़ आप और कांग्रेस के पार्षदों ने स्थायी समिति के चुनाव का बहिष्कार किया था। इस चुनाव परिणाम के साथ, भाजपा के पास अब समिति में 10 सदस्य हैं जबकि सत्तारूढ़ आप के पास केवल आठ सदस्य हैं।
‘‘गुंडागर्दी’’ का सहारा लेने का आरोप
दिल्ली विधानसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि नियमों के मुताबिक केवल महापौर ही एमसीडी सदन की बैठक बुला सकते हैं लेकिन उपराज्यपाल ने इसे बदल दिया और नगर निकाय के अतिरिक्त आयुक्त को ऐसा करने का निर्देश दिया। उन्होंने भाजपा पर ‘‘गुंडागर्दी’’ का सहारा लेने का आरोप लगाया और पूछा कि ‘‘क्या यह चुनाव है?’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि नियम के मुताबिक बैठक से 72 घंटे पहले हर पार्षद को नोटिस भेजना होता है, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया।
कांग्रेस ने चुनाव में नहीं लिया भाग
एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के अंतिम सदस्य का चुनाव 26 सितंबर को होना था। लेकिन, चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों को अपने पाले में कर लिया और कांग्रेस के नौ एमसीडी पार्षदों ने चुनाव में भाग न लेने का फैसला लिया। इसके बाद आम आदमी पार्टी संख्या बल के लिहाज से कमजोर दिखाई दे रही थी। इसके बाद मेयर ने चुनाव को पांच अक्टूबर तक के लिए टाल दिया था। इस बीच उप राज्यपाल के आदेश के बाद शुक्रवार (27 सितंबर) को चुनाव कराने का फैसला लिया गया।
एक सीट पर हुई चुनाव
बता दें कि एमसीडी में 250 पार्षद हैं, जो स्टैंडिंग कमेटी के अंतिम सदस्य का चुनाव करेंगे। 250 में से एक पार्षद इस्तीफा दे चुका है, जिसके चलते एमसीडी सदस्यों की संख्या 249 है। कांग्रेस के इस चुनाव से दूरी बना दी है। जिसके बाद 240 पार्षद ही वोट करने वाले थे। लेकिन आपके पार्षदों ने आरोपों को लेकर चुनाव का बहिष्कार कर दिया। जिसके बाद जितने वोट पड़े सब भाजपा को मिला। और भाजपा इस सीट को भी जीत गई।
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