सुनीता केजरीवाल ने लगाया बड़ा आरोप, 'पूरा सिस्टम का एक ही प्रयास कि Arvind Kejriwal जेल से बाहर न आएं '
Arvind Kejriwal: दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत की याचिका खारिज होने के बाद अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) को कल देर रात सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। इस पुरे प्रकरण पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है की ' पूरा तंत्र यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री जेल से बाहर न आएं। यह तानाशाही है, यह आपातकाल है'
Highlights:
- तिहाड़ जेल से सीबीआई द्वारा CM अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सुनीता केजरीवाल का बड़ा बयान
- कहा - 'पूरा तंत्र का एक ही प्रयास अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर न आ पाए'
- ईडी के बाद अब सीबीआई ने भी दिल्ली आबकारी नीति मामले में Arvind Kejriwal पर कसा है शिकंजा
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कल देर रात सीबीआई ने औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया है। जिसके बाद उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। इस बीच, उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल भी राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंची।
इससे पहले, केजरीवाल को शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उनसे पूछताछ हुई। वहीं, अब उन पर सीबीआई ने भी शिकंजा कस चुकी है।
सीबीआई ने Arvind Kejriwal की न्यायिक हिरासत की मांग
बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी बुधवार सुबह उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट लेकर पहुंची, जहां न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत में मुख्यमंत्री को पेश किया गया। सीबीआई ने केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) की न्यायिक हिरासत की मांग की। केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए।
Arvind Kejriwal की गिरफ्तारी गलत - केजरीवाल के वकील
केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कोर्ट में कहा, “जिस तरह से मेरे मुवक्किल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) को गिरफ्तार किया गया, वह गलत है। यह संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। हमें मीडिया के जरिए केजरीवाल की गिरफ्तारी के बारे में पता चला है। सीबीआई की ओर से जो रिमांड कॉपी दाखिल की गई है, वो हमें भी मिलनी चाहिए।“
बता दें कि इससे पहले राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 जून को केजरीवाल को शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी थी। जिसे ईडी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। उच्च न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा दिए गए फैसले पर सवाल उठाया और जमानत रद्द कर दी।
(शीर्षक को छोड़कर, यह कहानी पंजाब केसरी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड फ़ीड से प्रकाशित हुई है )
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