India WorldDelhi NCR Uttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir Bihar Other States
Sports | Other GamesCricket
Horoscope Bollywood Kesari Social World CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

Delhi: पालम 360 खाप के नेताओं से मिले CM केजरीवाल, ग्रामीणों को दिया ये भरोसा

08:48 AM Oct 19, 2023 IST
Advertisement

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देश की सबसे बड़ी पालम 360 खाप के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। बता दें प्रतिनिधिमंडल ने शामिल सदस्यों ने सीएम से ग्रामीण इलाकों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने शामिल सदस्यों ने सीएम से ग्रामीण इलाकों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
प्रतिनिधिमंडल की समस्याओं को गंभीरता से सुना- सीएम
आपको बता दें मुख्य रूप से लाल डोरा बढ़ाना, धारा 74(4) के तहत भूमिहीन लोगों को मिली जमीन पर मालिकाना हक दिलाना, डीएलआर एक्ट धारा 81 और 33 को हटाना, हाउस टैक्स समाप्त करना शामिल है। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रतिनिधिमंडल की समस्याओं को गंभीरता से सुना। सीएम ने दिल्ली देहात के प्रधानों और खाप के नेताओं को इस मसले पर उचित कार्रवाई करने का भरोसा दिया है। पालम 360 खाप नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सेक्शन 74(4), 81, 33 और लाल डोरा बढ़ाने और म्यूटेशन को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा पहले ही उचित कार्रवाई कर चुकी है।
दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा.....
बता दें दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जुलाई 2017 में दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सेक्शन 74(4) को लेकर संकल्प पत्र पारित कराया था। यह भारत के इतिहास में पहली बार हुआ था जब किसी राज्य ने सेक्शन 74(4) को लेकर को लेकर विशेष बुलाया और उसके लिए संकल्प पत्र पारित किया।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 1970 और 80 के दशक में दिल्ली के कई गांवों में हजारों परिवारों को ग्रामसभा की जमीन आवंटित की गई थी। उस दौरान दिल्ली भूमि सुधार अधिनियम (1954) की धारा 74(4) के तहत मान्यता दी गई थी।ग्रामीण आवंटित जमीन पर कृषि कार्य कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनको मालिकाना हक नहीं मिला है। जबकि ये काम काफी पहले ही हो जाना चाहिए था। दिल्ली विधानसभा में जुलाई 2017 में एक संकल्प पत्र पारित किया गया, जिससे कि ग्रामीणों को उस आवंटित भूमि पर मालिकाना हक मिल सके।

Advertisement
Next Article