देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं
Advertisement
Delhi HC: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बधिर-अंधेपन के बारे में कानूनी पेशेवरों को जागरूक करने के लिए कार्यशाला आयोजित की। इस समिति की अध्यक्षता न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने की। बधिर-अंधता एक बहुत ही दुर्लभ प्रकार की विकलांगता है, जिसमें व्यक्ति देख और सुन नहीं सकता।
दिल्ली उच्च न्यायालय की एक्सेसिबिलिटी कमेटी ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में बधिर-अंधता पर कानूनी पेशेवरों के संवेदीकरण पर एक कार्यशाला आयोजित की। ज़मीर ढाले, जो स्वयं बधिर-अंधे हैं, और एसईडीबी इंडिया के संस्थापक हैं, ने कार्यशाला का संचालन किया। उनके सहयोगी लायन सुनील अब्बास ने उनकी सहायता की। इसमें न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं और न्यायालय के अधिकारियों ने भाग लिया।
कार्यशाला के दौरान, उन्होंने सिखाया कि कैसे एक व्यक्ति स्पर्श संकेत संचार सीखने के बाद, अपने जैसे लोगों के साथ सहजता से संवाद कर सकता है। ज़मीर ढाले ने प्रतिभागियों को अपनी जीवन यात्रा और उनके सामने आने वाली चुनौतीपूर्ण स्थितियों के बारे में बताया। न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने भी कार्यक्रम में भाग लिया और ज़मीर ढाले, लायन सुनील अब्बास और उनके साथ आए स्पर्श संकेत दुभाषियों से बातचीत की। संयुक्त रजिस्ट्रार (न्यायिक) जय थरेजा ने अपना स्वागत भाषण दिया। दिल्ली उच्च न्यायालय की सुगम्यता समिति के सदस्य एवं दृष्टिबाधित अधिवक्ता राहुल बजाज ने भी सभा को संबोधित किया तथा धन्यवाद ज्ञापन किया।
(Input From ANI)