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करोल बाग : दिल्ली के करोल बाग इलाके में बुधवार सुबह एक दो मंजिला इमारत के ढहने से स्थानीय लोग दहशत में आ गए। अधिकारियों के अनुसार, घटना के तुरंत बाद स्थानीय पुलिस, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और अग्निशामक सेवाएं बचाव कार्य में जुट गईं। अब तक आठ लोगों को मलबे से सुरक्षित निकाला गया है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
Highlight :
डीसीपी सेंट्रल, एम हर्षवर्धन ने बताया कि सुबह करीब 9 बजे बापा नगर से प्रसाद नगर थाने में इमारत के ढहने की सूचना मिली। उन्होंने बताया कि यह एक पुरानी इमारत थी, जिसका क्षेत्रफल लगभग 25 वर्ग गज था। हर्षवर्धन ने कहा, बचाव कार्य जारी है और मलबे में और लोगों के फंसे होने की आशंका है। स्थानीय पुलिस ने कहा कि अभी तक किसी भी व्यक्ति की मौत की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सभी एजेंसियां पूरी तत्परता से बचाव कार्य में लगी हुई हैं। विभिन्न बचाव दल लगातार मलबे को हटाने का कार्य कर रहे हैं, ताकि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके।
दिल्ली की भावी मुख्यमंत्री आतिशी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और जिला मजिस्ट्रेट को पीड़ितों को हर संभव मदद मुहैया कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, मैंने जिला मजिस्ट्रेट को आदेश दिया है कि वहां रहने वाले लोगों और पीड़ितों को हर संभव सहायता दी जाए। अगर कोई घायल है, तो उसका इलाज कराया जाए और इस दुर्घटना के कारणों का पता लगाया जाए। आतिशी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'करोल बाग इलाके में मकान गिरने की यह घटना बेहद दुखद है। बारिश के कारण इस साल निर्माण कार्यों में सुरक्षा के मानकों का पालन करना बेहद जरूरी है।'
उन्होंने नागरिकों से अपील की कि यदि उन्हें निर्माण से जुड़ी किसी भी दुर्घटना की संभावना है, तो तुरंत प्रशासन और निगम को सूचित करें। बचाव कार्य में लगी एजेंसियों ने आम जनता से अपील की है कि वे घटनास्थल के पास न जाएं ताकि बचाव दल को आवश्यक कार्य करने में कोई बाधा न आए। स्थानीय निवासियों ने भी घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में सहायता की।
जैसे-जैसे बचाव अभियान जारी है, सभी की नजर इस बात पर है कि क्या और लोग मलबे में फंसे हुए हैं। दिल्ली पुलिस और अन्य संबंधित एजेंसियां इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई करने की योजना बना रही हैं। इस घटना ने एक बार फिर निर्माण सुरक्षा के मानकों की अनदेखी और पुराने भवनों की स्थिति की गंभीरता को उजागर किया है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं न हों।