सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखे की मांग वाली याचिका की खारिज, दिल्ली में सभी पटाखों पर जारी रहेगा बैन
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बेरियम रसायनों वाले पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले में भी हस्तक्षेप नहीं किया।
न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने भी आदेश पढ़ने के बाद अदालत ने कहा, ''हम सिर्फ इतना कह सकते हैं, हैप्पी दिवाली।''
मनोज तिवारी ने हाई कोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती
शीर्ष अदालत पटाखों से जुड़े मुद्दे पर सुनवाई कर रही थी। इनमें से एक याचिका भाजपा नेता मनोज तिवारी ने 2022 में दिल्ली में दिवाली समारोह के दौरान पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध को चुनौती देते हुए दायर की थी। पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को बताया था कि यह सही है कि सरकार के प्रस्ताव पर बेरियम पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन यह 2018 की दिवाली के लिए था। कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि अभी दिल्ली में हर चीज पर प्रतिबंध है चाहे वह ग्रीन पटाखे हों या अन्य।
पटाखों के निर्माण लाइसेंस रद्द
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को यह भी बताया था कि दिल्ली पुलिस ने 2016 के बाद से पटाखों पर कोई स्थायी लाइसेंस जारी नहीं किया है। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि सभी स्थायी आतिशबाजी निर्माण लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं और पुलिस लाइसेंसधारियों के सभी परिसरों का निरीक्षण करेगी। कोर्ट ने टिप्पणी की कि सिर्फ पटाखे चलाने वालों को सजा देना पर्याप्त नहीं है और अधिकारियों को इन पटाखों के स्रोत तक जाना होगा, वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा था कि अमीर लोग लाखों के पटाखे फोड़ सकते हैं और फिर एयर प्यूरीफायर के साथ अपने वातानुकूलित घरों में वापस जा सकते हैं।