G20 में यूक्रेन संकट पर बात करने पर क्यों दी भारत को नकारात्मक प्रतिक्रिया
04:48 PM Sep 10, 2023 IST
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राजधानी दिल्ली में आयोजित जी20 बैठक में देश-दुनिया के शक्तिशाली नेता शामिल हुए हैं। ये बैठक अपने आप में महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, इटली की पीएम सहित कई लीडर्स इस बैठक में शामिल हुए है। जी 20 की अध्यक्षता पीएम मोदी कर रहे है। इसलिए पहले दिन पीएम मोदी ने जी 20 की अध्यक्षता की ।
यूक्रेन संकट पर पीएम ने सभी देशों से सहमति दिलाई
जिसमें कई अहम बाते हुई बैठक को लेकर माना जा रहा था कि जी-20 बैठक में यूक्रेन संकट पर सभी नेताओं की सहमति बनना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन पीएम मोदी ने भारत मंडपम में घोषणा पत्र पर सभी देशों की सहमति का जिक्र किया है।
संकट पर बात करने नाराज हुआ यूक्रेन
ऐसा माना जा राह था कि यूक्रेन को इस बात को लेकर फक्र होगा लेकिन यूक्रेन को इस बात से गर्व महसूस नहीं हुआ। बता दें जब पीएम मोदी ने घोषणा पत्र जारी किया तो उसके बाद ही यूक्रेन की तरफ से बयान आया। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि रूसी आक्रमण से संबंधित देशों के जी20 समूह की संयुक्त घोषणा में कुछ भी गर्व करने वाली बात नहीं है। रूस का उल्लेख न करने पर यूक्रेन ने नाराजगी व्यक्त की है।
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने किया ट्वीट
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेग निकोलेंको ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जारी करते हुए लिखा कि यदि यूक्रेन को जी20 बैठक का हिस्सा बनने का मौका मिलता तो प्रतिभागियों को स्थिति को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की थी वार्ता
बता दें भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने घोषणापत्र के बार में बताते हुए प्रेस वार्ता की थी जिसमें कहा गया था कि जी20 बैठक का मेन फोकस सतत और ग्रीन विकास पर है। इसके अलावा आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मुद्दे पर रोकथाम के लिए भी कदम उठाने पर अन्य देशों की सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि किसी ताकत के दम पर किसी भी देश की सीमा पर हमला नहीं किया जाना चाहिए।
आतंकवाद जैसे मुद्दे पर हुई बात
जैसा की आप सभी जानते है कि जी 20 समिट में वैश्विक मुद्दों पर बात हो रहा है जिसमें सबसे अहम मुद्दा आतंकवाद है जिसको कंट्रोल करने के लिए भारत अलग अलग देशों के सामने इसे रोकने के लिए बात कर रहा है ताकि सभी देशों के साथ भारत के अच्छे संबंध बनें।
यूक्रेन संकट पर पीएम ने सभी देशों से सहमति दिलाई
जिसमें कई अहम बाते हुई बैठक को लेकर माना जा रहा था कि जी-20 बैठक में यूक्रेन संकट पर सभी नेताओं की सहमति बनना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन पीएम मोदी ने भारत मंडपम में घोषणा पत्र पर सभी देशों की सहमति का जिक्र किया है।
संकट पर बात करने नाराज हुआ यूक्रेन
ऐसा माना जा राह था कि यूक्रेन को इस बात को लेकर फक्र होगा लेकिन यूक्रेन को इस बात से गर्व महसूस नहीं हुआ। बता दें जब पीएम मोदी ने घोषणा पत्र जारी किया तो उसके बाद ही यूक्रेन की तरफ से बयान आया। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि रूसी आक्रमण से संबंधित देशों के जी20 समूह की संयुक्त घोषणा में कुछ भी गर्व करने वाली बात नहीं है। रूस का उल्लेख न करने पर यूक्रेन ने नाराजगी व्यक्त की है।
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने किया ट्वीट
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेग निकोलेंको ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जारी करते हुए लिखा कि यदि यूक्रेन को जी20 बैठक का हिस्सा बनने का मौका मिलता तो प्रतिभागियों को स्थिति को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की थी वार्ता
बता दें भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने घोषणापत्र के बार में बताते हुए प्रेस वार्ता की थी जिसमें कहा गया था कि जी20 बैठक का मेन फोकस सतत और ग्रीन विकास पर है। इसके अलावा आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मुद्दे पर रोकथाम के लिए भी कदम उठाने पर अन्य देशों की सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि किसी ताकत के दम पर किसी भी देश की सीमा पर हमला नहीं किया जाना चाहिए।
आतंकवाद जैसे मुद्दे पर हुई बात
जैसा की आप सभी जानते है कि जी 20 समिट में वैश्विक मुद्दों पर बात हो रहा है जिसमें सबसे अहम मुद्दा आतंकवाद है जिसको कंट्रोल करने के लिए भारत अलग अलग देशों के सामने इसे रोकने के लिए बात कर रहा है ताकि सभी देशों के साथ भारत के अच्छे संबंध बनें।
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