BJP सांसद के परिवार को बैंक ने लोन देने से क्यों किया इनकार
बीजेपी सांसद राधा मोहन को लेकर इन दिनों खुब चर्चा हो रही है दरअसल बीजेपी सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल के परिजनों को एक बैंक ने लोन देने से इनकार कर दिया है। जिसके बाद से ही बवाल हो रहा है। लोन को लेकरर बैंक का कहना है कि अग्रवाल का परिवार ‘पॉलिटिकली एक्सपोज्ड पर्सन’ कैटेगरी में आता है। अब संसदीय समिति ने रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय के अफसरों को समन भेजकर तलब किया है।
इस वजह से नहीं दिया लोन
वहीं मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक ने बीजेपी के राज्यसभा सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल के परिवार को यह कहते हुए लोन देने से मना कर दिया कि वे ‘पॉलिटिकली एक्सपोज्ड’ कैटेगरी में आते हैं। इसके बाद यह मामला संसद की वित्त मामलों की समिति में उठाया है । रिजर्व बैंक के मुताबिक ‘पॉलिटिकली एक्सपोज्ड पर्सन’ या ऐसे व्यक्ति होते हैं जो राजनीति या सरकार में ऊंचे पद पर होते हैं। इस कैटेगरी में स्टेट हेड, सरकार, वरिष्ठ राजनेता, वरिष्ठ सरकारी या न्यायिक अधिकारी, आर्मी अफसर और सरकारी कंपनियों के टॉप एग्जीक्यूटिव शामिल हैं। साथ ही महत्वपूर्ण राजनीतिक दलों के नेता भी इसी कैटेगरी में आते हैं।
संसदीय समिति की बैठक में पहिंचा मामला
लोन न देने के मामले को लेकर 17 अक्टूबर को हुई संसदीय समिति की बैठक में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने यह मुद्दा उठाया और चिंता जाहिर की। इसके बाद तमाम दलों के सांसदों ने इस मामले पर सहमति जाहिर की। जब ये मामला बढने लगा तो संसदीय समिति ने रिजर्व बैंक, डिपार्टमेंट ऑफ़ फाइनेंशियल सर्विसेज, औक स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया से एनबीएफसी से जुड़े मसले पर मौखिक सबूत देने को कह दिया है।
आरबीआई का नियम क्या कहता है
आरबीआई का कहना था कि ‘पॉलिटिकल एक्सपोज्ड पर्सन’ कैटेगरी में आने वाले किसी शख्स को ग्राहक बनाने का फैसला बैंक के सीनियर अफसर ही ले सकते हैं और ऐसे अकाउंट की नियमित अंतराल पर मॉनिटरिंग भी करनी होगी। इसी सर्कुलर में रिजर्व बैंक ने कहा था कि यह नियम ‘पॉलिटिकल एक्सपोज्ड पर्सन’ कैटेगरी में आने वाले व्यक्ति के परिवार और करीबी रिश्तेदारों पर भी लागू होगा
RBI ने साल 2011 में जारी किया था नियम
लोन को लेकर आरबीआई की गाइडलाइन को लेकर बात करें तो (RBI) ने साल 2011 में एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि बैंक ‘पॉलिटिकली एक्सपोज्ड’ कैटेगरी में आने वाले शख्स या ग्राहक के बारे में हर संभव जानकारी और सूचना जुटाए, ताकि बात पूख्ता हो सके। रिजर्व बैंक ने कहा था कि इस कैटेगरी में आने वाले शख्स को ग्राहक बनाने स पहले बैंक उसकी पहचान ठीक से करे तभी उसे लोन दिया जाना चाहिए