For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

Delhi: पीएम मोदी 17 अक्टूबर को 'अंतर्राष्ट्रीय अभिधम्म दिवस' समारोह में होंगे शामिल

06:28 AM Oct 16, 2024 IST | Rahul Kumar Rawat
delhi  पीएम मोदी 17 अक्टूबर को  अंतर्राष्ट्रीय अभिधम्म दिवस  समारोह में होंगे शामिल

Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 अक्टूबर को विज्ञान भवन नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय अभिधम्म दिवस और पाली को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता देने के समारोह में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी अभिधम्म दिवस के महत्व, पाली भाषा के महत्व और बुद्ध धम्म की समृद्ध विरासत के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए सरकार के प्रयासों पर अपने विचार रखेंगे। इस समारोह को केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत विशेष रूप से संबोधित करेंगे। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू भी इस समारोह में मौजूद रहेंगे। अभिधम्म दिवस, अभिधम्म की शिक्षा देने के बाद भगवान बुद्ध के दिव्य लोक से अवतरण की याद दिलाता है।

5 भाषाओं को मिला शास्त्रीय भाषा की मान्यता

हाल ही में पाली सहित पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता मिलने से इस वर्ष के अभिधम्म दिवस समारोह का महत्व बढ़ गया है क्योंकि अभिधम्म पर भगवान बुद्ध की शिक्षाएं मूल रूप से पाली भाषा में उपलब्ध हैं। भारत सरकार और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय अभिधम्म दिवस समारोह में 14 देशों के शिक्षाविदों और भिक्षुओं तथा भारत भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों से बुद्ध धम्म पर महत्वपूर्ण संख्या में युवा विशेषज्ञ भाग लेंगे। बीते 5 अक्टूबर को भिक्खु संघ के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करके पाली को 'शास्त्रीय भाषा' के रूप में मान्यता देने के लिए आभार जताया था।

अब 11 शास्त्रीय भाषाएं

इस दौरान बौद्ध नेताओं ने पाली में कुछ छंद भी पीएम मोदी को सुनाए थे। पाली भाषा बौद्धों के लिए पवित्र भाषा है। यह थेरवाद बौद्ध धर्म ग्रंथों की भाषा है, जिसे पाली कैनन के रूप में जाना जाता है। इसमें बुद्ध की मुख्य शिक्षाएं शामिल हैं। यह बौद्ध धर्म के अनुयायियों को ऐतिहासिक जड़ों से जोड़ता है। इससे उन्हें अस्थायित्व, दुख और स्व जैसी प्रमुख अवधारणाओं की समझ मिलती है। बुद्ध ने अपने उपदेश पाली में दिए और उनके अनुयायियों ने इसका इस्तेमाल दुनिया भर में उनकी शिक्षाओं को फैलाने के लिए किया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3 अक्टूबर को मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषा को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा दिया। इसके साथ ही अब 11 शास्त्रीय भाषाएं हो गई हैं। पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर पीएम मोदी ने बधाई दी है। भारत सरकार ने 12 अक्टूबर 2004 को शास्त्रीय भाषा श्रेणी की शुरुआत की, इसमें सबसे पहले तमिल को शास्त्रीय भाषा घोषित किया गया था।

 

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं

 

Advertisement
Advertisement
Author Image

Rahul Kumar Rawat

View all posts

Advertisement
×