दिल्ली दंगा बड़ी साजिश मामला: अदालत 2 जुलाई से आरोपों पर नए सिरे से सुनवाई करेगी
2 जुलाई से दिल्ली दंगा मामले में अदालत शुरू करेगी सुनवाई
ललित कुमार की अदालत ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की साजिश मामले में 2 जुलाई 2025 को दोपहर 12 बजे से दलीलों की सुनवाई फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। यह तारीख तब तय की गई जब दिल्ली पुलिस के विशेष लोक अभियोजक (SPP) अमित प्रसाद ने कहा कि उन्हें अपनी दलीलें पूरी करने के लिए 5 दिन तक हर दिन 4–5 घंटे का समय चाहिए होगा।
कड़कड़डूमा की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ASJ) ललित कुमार की अदालत ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की साजिश मामले में 2 जुलाई 2025 को दोपहर 12 बजे से दलीलों की सुनवाई फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। यह तारीख तब तय की गई जब दिल्ली पुलिस के विशेष लोक अभियोजक (SPP) अमित प्रसाद ने कहा कि उन्हें अपनी दलीलें पूरी करने के लिए 5 दिन तक हर दिन 4–5 घंटे का समय चाहिए होगा। इससे पहले इस केस की सुनवाई एएसजे अमिताभ रावत कर रहे थे, लेकिन उनके ट्रांसफर के बाद केस अब एएसजे ललित कुमार की अदालत में स्थानांतरित हुआ है। अदालत ने कहा कि अब बहस को तेज़ी से आगे बढ़ाना जरूरी है, क्योंकि मामला पहले ही काफ़ी समय से लंबित है।
गर्मी की छुट्टियों के बाद शुरू होगी सुनवाई
अदालत ने गर्मी की छुट्टियों के बाद सुनवाई शुरू करने के अभियोजन के सुझाव को भी मंजूरी दी ताकि निरंतरता बनी रहे। एसपीपी अमित प्रसाद ने कहा कि वह अदालत की सहायता के लिए एक 1200 पन्नों का संकलन पेश करेंगे, जिसे पढ़ने और प्रस्तुत करने में काफ़ी समय लगेगा।
जमानत याचिकाओं पर 1 जुलाई को होगी हाईकोर्ट में सुनवाई
इस केस के कुछ आरोपियों — नताशा नरवाल और देवांगना कलिता — की जमानत याचिकाएं दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित हैं और उस पर 1 जुलाई को सुनवाई होगी। उनके वकील आदित एस पुजारी ने अदालत को बताया कि सितंबर 2024 के हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार ट्रायल कोर्ट को फिलहाल अंतिम आदेश पारित नहीं करना है जब तक याचिकाएं निपट नहीं जातीं। पुजारी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह सबसे अंत में बहस करेंगे।
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अन्य वकीलों ने भी तय की अपनी रणनीति
अब्दुल खालिद सैफी के वकील रजत कुमार ने अदालत को बताया कि पिछली बार की तरह ही अबकी बार भी यह तय किया गया है कि ताहिर हुसैन के वकील राजीव मोहन पहले बहस करेंगे, उसके बाद अन्य वकील अपनी दलीलें रखेंगे। उन्होंने कहा, “कई कानूनी बिंदुओं पर पहले विस्तार से बहस होगी, बाद में बाकी वकील उसमें अपनी बातें जोड़ेंगे।”