दिल्ली के रोहिणी में भीषण आग, रिठाला मेट्रो स्टेशन के पास 400-500 झोपड़ियां जलकर राख, 1 की मौत
Delhi Rohini Fire News: दिल्ली के रोहिणी इलाके में शुक्रवार रात यानी 7 नवंबर को बड़े हादसे की खबर सामने आई है। दरअसल रिठाला मेट्रो स्टेशन के नजदीक स्थित झुग्गी-बस्ती में भयंकर आग लग गई। आग इतनी तेज थी कि देखते ही देखते पूरी बस्ती उसकी चपेट में आ गई। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) को रात लगभग 10:56 बजे आग की सूचना मिली, जिसके बाद तुरंत दमकल की टीमें मौके पर रवाना की गईं।
Delhi Rohini Fire News: दमकल विभाग की बड़ी कार्रवाई
आग की गंभीरता को देखते हुए शुरुआत में 15 दमकल गाड़ियां भेजी गईं, लेकिन बाद में कुल 29 फायर टेंडर और कई अन्य यूनिट्स को भी मौके पर बुलाया गया। इसमें 7 वाटर टेंडर, 12 बाउजर और 2 रोबोटिक फायर यूनिट्स शामिल थीं। डीएफएस के वरिष्ठ अधिकारी एस.के. दूआ और डीसीएफओ स्तर के अधिकारी भी घटनास्थल पर मौजूद रहे। करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
Rithala Metro Station News: सिलेंडर फटने से बढ़ी आग
शुरुआती जांच में सामने आया है कि झुग्गियों में रखे एलपीजी गैस सिलेंडर एक-एक करके फटने लगे, जिससे आग और भड़क गई। सिलेंडर फटने की आवाजें दूर-दूर तक सुनाई दीं और लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए। आग इतनी तेज थी कि लोग अपने बच्चों और सामान को बचाने में इधर-उधर भागने लगे, लेकिन ज्यादातर झोपड़ियां पूरी तरह जलकर राख हो गईं।
Fire News Today: जनहानि और घायल
इस अग्निकांड में एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि एक बच्चा गंभीर रूप से झुलस गया है। घायल बच्चे को तुरंत सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। अभी तक अन्य किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है।
राहत और बचाव अभियान
दमकल विभाग और पुलिस ने मिलकर तेजी से राहत कार्य शुरू किया। आग बुझाने के साथ-साथ पुलिस ने बस्ती के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। हालांकि, करीब 400 से 500 झोपड़ियां इस आग में जलकर पूरी तरह नष्ट हो गईं। फायर ऑफिसर एस.के. दूआ के मुताबिक, आग लगने के असली कारणों की जांच की जा रही है। हालांकि, प्राथमिक रूप से शॉर्ट सर्किट या सिलेंडर लीक को वजह माना जा रहा है। फायर विभाग इस पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है।
बस्ती वालों की दिक्कतें और सरकार से गुहार
इस हादसे के बाद बस्ती के लोगों का सबकुछ राख हो गया। जिनके पास पहले से ही सीमित साधन थे, अब वे पूरी तरह बेघर हो गए हैं। लोग खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं। ठंड बढ़ने के इस मौसम में उनके सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। पीड़ित परिवारों ने दिल्ली सरकार से त्वरित मदद और आवास की व्यवस्था की मांग की है।