Delhi Violence : गर्भवती शबाना के पेट में दंगाइयों ने मारी लात, फिर भी दिया बच्चे को जन्म, लोगों ने कहा, 'चमत्कारी बच्चा’
बीते मंगलवार की दोपहर कुछ दंगाई दिल्ली हिंसा के समय करावल नगर के महालक्ष्मी विहार इलाके में एक मुस्लिम महिला के घर में घुस गए थे। शबाना गर्भवती थी और उसने उन लोगों से अनुरोध
08:14 AM Feb 28, 2020 IST | Desk Team
बीते मंगलवार की दोपहर कुछ दंगाई दिल्ली हिंसा के समय करावल नगर के महालक्ष्मी विहार इलाके में एक मुस्लिम महिला के घर में घुस गए थे। शबाना गर्भवती थी और उसने उन लोगों से अनुरोध किया कि वह गर्भवती है उसे ना मारें लेकिन किसी की कहां दंगाई सुनने वाले थे उन्होंने शबाना को लाठियों से मारना शुरु कर दिया।
शबाना को अल-हिंद अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा, भीड़ ने मुझे लाठियों से पीटा। कुछ ने मेरे पेट पर लाट भी मारी। शबाना ने आगे कहा कि कुछ समय तक घर में भीड़ रूक गई थी और तोड़फोड़ भी की थी जिसके बाद वह वहां से चले गए।
बता दें कि शबाना ने एक स्वस्थ बच्चे को बीते बुधवार की रात को जन्म दिया। बच्चे का वजन 3.5 किलोग्राम है साथ ही कहा जा रहा है कि उसका नाम आजाद या सोनू रखेंगे। इस पर बात करते हुए शबाना ने बताया कि मंगलवार को बाइक पर उनके पड़ोसी हमले के बाद उन्हें ओल्ड मुस्तफाबाद छोड़ गए। शबाना के परिवार के अन्य सदस्य दो बच्चे, सास और बाकी सब उनके पीछे-पीछे वहां चले गए।
शबाना की रिश्तेदार शमा ने इस पर बात करते हुए कहा, हम यहां तक रिश्तेदार के घर पर रुके और शबाना को हमने उनकी मां के घर नांगलोई में छोड़ने का फैसला किया, ताकि वह अपने बच्चे को वहां जन्म दे सके। एक पुलिस कर्मी हमें यमुना विहार तक छोड़ने को तैयार हो गए। लेकिन तभी शबाना को लेबर पेन होने लगा इसलिए हमने जल्दी से उसे अल-हिंद अस्पताल में पहुंचा दिया।
शबाना का इलाज जिस डॉक्टर ने किया उन्होंने बताया कि उनकी डिलीवरी कॉिम्प्लकेटेड डिलीवरी थी। दरअसल कोई भी मेडिकल हिस्ट्री शबाना के पास नहीं थी क्योंकि दंगों में उनके सारे कागजात जल गए थे। बता दें कि शबाना अब बेहतर है लेकिन उदास और परेशान कि वजह से उनका बीपी उतार-चढ़ाव होता रहता है।
शबाना के पति को उनके बच्चे के जन्म का सूचित कर दिया है। वह वहां जाने में अभी असमर्थ हैं। शबाना के चाचा मुजीब-उर-रहमान ने बताया, वह लोनी की ओर भागा था और वहां का माहौल थोड़ा तनावपूर्ण है, इसलिए हमने उन्हें बाद में आने की सलाह दी है। रहमान भी संजीव की मदद से भागने में सफल रहे।
नवजात बच्चे को शबाना के पहले बेटे ने बहुत ही आश्चर्य से देखा। हालांकि अपनी सास से शबाना ने पूछा कि उनके जले हुए घर में क्या कुछ भी मिला। उन्होंने कहा कि मैं अपने नवजात बच्चे को और अपने दो लड़कों के साथ अब कहां जाऊंगी? सब तो खत्म कर दिया। कभी नहीं सोचा था ये इतने दहशत के माहौल में जन्म लेगा।
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