दिल्ली की झांकी ने दिखाया शिक्षा में उत्कृष्टता की दिशा में बढ़ते कदम
दमन और दीव की झांकी ने उजागर किया समृद्ध वन्य जीवन और इको-टूरिज्म
भारत अपने 76वें गणतंत्र दिवस को भव्यता के साथ मना रहा है, वहीं कर्तव्य पथ जीवंत उत्सव और देशभक्ति के जोश से जीवंत हो उठा है। कला और संस्कृति विभाग द्वारा प्रस्तुत दिल्ली की झांकी शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए प्रयासरत राष्ट्र की सामूहिक आकांक्षाओं का प्रतीक है।
इसमें दिल्ली को उच्च शिक्षा, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के केंद्र के रूप में दर्शाया गया है, जहां विश्वविद्यालय बुनियादी ढांचे और पाठ्यक्रम उन्नयन में निवेश कर रहे हैं। झांकी में विश्व स्तरीय इनक्यूबेशन सेंटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा और नैनो टेक्नोलॉजी में प्रगति को दर्शाया गया है।
इसमें चिकित्सा में डिजिटलीकरण और रोबोटिक तकनीक को दिखाया गया है, जो शिक्षा के एक नए युग का प्रतिनिधित्व करता है। विभिन्न क्षेत्रों में ऊंची उड़ान भर रहे बच्चों, प्रयोगशाला उपकरणों के साथ काम कर रही एक लड़की और लैपटॉप से बढ़ते ज्ञान के पेड़ के प्रतीकात्मक चित्रण ने शिक्षा में प्रगति को दर्शाया। झांकी में भारत की प्राचीन कला और संस्कृति को संरक्षित करने के प्रयासों को भी श्रद्धांजलि दी गई।
दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव की झांकी ‘दमन एवियरी बर्ड पार्क और कुकरी मेमोरियल’ की थीम को दर्शाती है। केंद्र शासित प्रदेश की झांकी ने अपने समृद्ध वन्य जीवन, मछली पकड़ने की संस्कृति और विकासात्मक प्रगति को उजागर किया। सामने के हिस्से में दमन की वॉक-इन बर्ड एवियरी को दर्शाया गया है, जो दुर्लभ और विदेशी पक्षी प्रजातियों का घर है, जो पर्यावरण संरक्षण और इको-टूरिज्म का प्रतीक है।