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ममता की मांग मोदी का नामांकन रद्द हो, कहा- खरीद फरोख्त में शामिल हैं प्रधानमंत्री 

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04:58 PM Apr 30, 2019 IST | Desk Team

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कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी से उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की और आरोप लगाया कि मोदी ‘‘खरीद फरोख्त में शामिल’’ हैं। एक दिन पहले मोदी ने दावा किया था कि तृणमूल के 40 विधायक उनके संपर्क में हैं। आम चुनाव के मध्य में सनसनीखेज दावा करते हुए मोदी ने सोमवार को कहा कि तृणमूल के 40 विधायक उनके संपर्क में हैं और भाजपा के चुनाव जीतते ही वे अपनी पार्टी को छोड़ सकते हैं।

बनर्जी ने हुगली जिले में एक रैली में कहा, ‘‘मोदी ने कल कहा था कि तृणमूल कांग्रेस के 40 कार्यकर्ता (विधायक) भाजपा के साथ संपर्क में हैं। देखिये कितनी बेशर्मी से वह खरीद-फरोख्त में शामिल हैं। उनकी उम्मीदवारी को रद्द किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री के पद पर बने रहने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है।’’ तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और आक्रामक नेता ममता ने कहा कि लोग आम तौर पर राष्ट्रीय नेताओं का सम्मान करते हैं लेकिन मोदी अपवाद हैं।

प्रधानमंत्री की तुलना 1975 में आयी फिल्म ‘शोले’ के मशहूर किरदार गब्बर सिंह से करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘नेताजी (सुभाष चंद्र बोस) जैसे राष्ट्रीय नेता का एक सम्मान है और हर कोई उनसे स्नेह करता है। यह सिर्फ मोदी और गब्बर सिंह जैसे लोग हैं जिनसे आम जनता डरती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले पांच साल में उन्होंने क्या किया? किसान आत्महत्या कर रहे हैं, बेरोजगारी बढ़ती जा रही है।’’ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल में अपनी जड़ नहीं जमा पायेगी, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पार्टी इसके बारे में कितने ‘‘दिवास्वप्न’’ देखती है।

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी पश्चिम बंगाल में जड़ जमाने के लिये दिवास्वप्न देख रहे हैं। उनके ख्वाब कभी पूरे नहीं होंगे।’’ राष्ट्रीय राजधानी में तृणमूल ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि मोदी के भाषण में ‘‘आसन्न खरीद-फरोख्त’’ के संकेत हैं और पार्टी ने ऐसे ‘‘भड़काऊ और अलोकतांत्रिक’’ बयानों के लिये चुनाव आयोग से उनकी उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की है।

चुनाव आयोग को लिखे पत्र में तृणमूल ने प्रधानमंत्री के इस ‘‘निराधार, अनुचित और अवैध’’ चुनाव प्रचार एवं भाषण के खिलाफ ‘‘सख्त कार्रवाई’’ की मांग की। आपसे (चुनाव आयोग से) अनुरोध है कि आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके बयान के समर्थन में सबूत मांगें और वह इसे देने में नाकाम रहते हैं तो ऐसे भड़काऊ एवं अलोकतांत्रिक बयान देने के लिये आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में उनकी उम्मीदवारी रद्द कर देनी चाहिए।

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