गणेश की संदिग्ध मौत अब शुरू हो गई राजनीति, पुलिस के खिलाफ दलित संगठनों का प्रदर्शन तेज
हरियाणा के हिसार जिले में दलित युवक गणेश की संदिग्ध मौत के बाद पुलिस के खिलाफ दलित संगठनों का प्रदर्शन तेज। यह मामला अब राजनीतिक गलियारों तक पहुंच चुका है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए सोशल मीडिया पर सरकार और प्रशासन पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “गणेश की मौत संविधान की हत्या है। इस देश में दलितों की जान की कोई कीमत नहीं है।” राहुल के इस बयान के बाद हरियाणा की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
क्या है हिसार डीजे विवाद?
दरअसल, हिसार के 12 क्वार्टर इलाके में 7 जुलाई 2025 को दलित समाज के युवक गणेश की संदिग्ध परिस्थितियों में छत से गिरने के कारण मौत हो गई थी। इस पूरे मामले में मृतक के परिवार का आरोप है कि पुलिस की बर्बरता के कारण उनके बेटे की जान गई। परिवार के अनुसार, गणेश के साथ डीजे बजाने को लेकर विवाद हुआ था जिसमें पुलिस ने जबरदस्ती की और उसकी पिटाई की, जिसकी वजह से उसने जान गंवाई।
घटना के बाद से ही पीड़ित परिवार इंसाफ की मांग को लेकर हिसार के सिविल अस्पताल में धरने पर बैठा है। पीड़ित पक्ष ने प्रशासन से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। परिवार ने साफ कर दिया है कि जब तक दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होती, वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
पुलिस की कार्रवाई और पोस्टमार्टम विवाद
घटना के दो दिन बाद पुलिस ने पीड़ित परिवार की गैरमौजूदगी में मृतक का पोस्टमार्टम करवा दिया। पुलिस प्रशासन ने 12 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए परिवार को शव का अंतिम संस्कार करने की चेतावनी भी दी थी। इस पर दलित संगठनों और परिवार ने कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है और इंसाफ देने के बजाय दबाव बना रही है।
बुधवार को दलित समाज की महापंचायत बुलाई गई जिसमें निर्णय लिया गया कि तीन दिन के भीतर अगर न्याय नहीं मिला तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
राहुल गांधी का तीखा हमला
घटना के तूल पकड़ने के बाद राहुल गांधी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर लिखा, “गणेश की मौत संविधान की हत्या है। इस देश में दलितों की जान की कोई कीमत नहीं है। जब तक जातीय अन्याय जिंदा है, हम चुप नहीं बैठेंगे।” राहुल गांधी ने सरकार पर दलित समाज के प्रति दोहरे रवैये का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा सरकार में कमजोर तबकों के साथ अन्याय हो रहा है और उनकी आवाज को दबाया जा रहा है।
कुमारी शैलजा ने जताया समर्थन
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और सांसद कुमारी शैलजा भी धरना स्थल पर पहुंचीं और पीड़ित परिवार को पूरा समर्थन देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने सरकार और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि कांग्रेस इस अन्याय के खिलाफ सड़क से संसद तक आवाज उठाएगी। कुमारी शैलजा ने कहा, “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। हम हर स्तर पर इस मामले को उठाएंगे और परिवार को न्याय दिलाएंगे।”
पुलिस प्रशासन का पक्ष
दूसरी ओर वीरवार को हरियाणा पुलिस के एडीजीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर परिवार के आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि प्राथमिक जांच में पुलिस की ओर से किसी प्रकार की मारपीट या प्रताड़ना का कोई सबूत नहीं मिला है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और अगर कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दलित संगठनों ने किया आंदोलन तेज करने का ऐलान
इस मामले में दलित संगठनों ने साफ कर दिया है कि वे परिवार के साथ खड़े हैं और जब तक गणेश को न्याय नहीं मिलेगा, आंदोलन जारी रहेगा। महापंचायत ने सरकार को तीन दिन का समय दिया है। अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को पूरे राज्य में फैलाया जाएगा।
भाजपा सरकार पर बढ़ा दबाव
हिसार डीजे विवाद अब सियासी रंग ले चुका है। विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा है और सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर बहस तेज हो गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर सरकार ने समय रहते मामले को सुलझाया नहीं तो यह विवाद आगामी चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकता है।
हिसार की घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या वाकई देश में संविधान का राज है या जातीय भेदभाव अब भी हावी है। राहुल गांधी के तीखे सवालों और दलित समाज की नाराजगी के बीच सरकार और पुलिस प्रशासन की अग्नि परीक्षा शुरू हो चुकी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाती है।