टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

दरबार साहिब के बाहर सभ्याचारक बुतों के आगे भारी बारिश के बीच धरना प्रदर्शन जारी...

सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब के विरासती मार्ग पर गिददा-भंगड़ा डालते सभ्याचारक बुतों को हटाने और बुतों के मंच को तोडऩे की कोशिश करने वाले नौजवानों पर दर्ज किए गए

02:52 PM Jan 28, 2020 IST | Shera Rajput

सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब के विरासती मार्ग पर गिददा-भंगड़ा डालते सभ्याचारक बुतों को हटाने और बुतों के मंच को तोडऩे की कोशिश करने वाले नौजवानों पर दर्ज किए गए

लुधियाना-अमृतसर : सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब के विरासती मार्ग पर गिददा-भंगड़ा डालते सभ्याचारक बुतों को हटाने और बुतों के मंच को तोडऩे की कोशिश करने वाले नौजवानों पर दर्ज किए गए मामले रदद करने की मांग को लेकर आज श्री गुरू ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी द्वारा विरासती मार्ग पर दिया जा रहा रोष धरना प्रदर्शन भारी बारिश के बावजूद 7वें दिन भी जारी रहा। धरना धारियों ने बारिश से बचने के लिए छोटे से तंबू की शरण ली।
Advertisement
 
स्मरण रहे कि सिख जत्थेबंदियों के विरोध के बावजूद प्रशासन इस धरने के विरूद्ध ध्यान नहीं दे रहा। इस अवसर पर धरना प्रदर्शन कर रहे सिंहों ने कहा कि सिंहो के लिए करो या मरो की स्थिति बनी हुई है लेकिन प्रशासन के कानों पर जूं नहीं रेंग रही। उन्होंने कहा कि जब तक प्रशासन इन बुतों को नहीं हटाता, वह धरना स्थल से नहीं हटेंगे। आज पूरा दिन अलग-अलग जत्थेबंदियों से संबंधित सिख बुत हटाने के लिए लगे मोर्चे में हिस्सा लेते दिखे। 
उधर सरबत खालसा के द्वारा चुने गए जत्थेदार सिंह साहिब भाई बलजीत सिंह दादूवाल ने अपने साथियों सहित उपस्थिति दर्ज करवाई। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि सरकार उक्त बुतों को तुरंत हटाएं। बादल परिवार को आड़े हाथ  लेते उन्होंने कहा कि इन बुतों को यहां लगवाते समय अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने उदघाटन किया था। उस समागम में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, बीबी हरसिमरत कौर बादल और बाबा हरनाम सिंह खालसा भिंडरावाले, दमदमी टकसाल और भाजपा के कई वरिष्ठ आगु भी उपस्थित थे, जिनकी तस्वीरें आज सोशल मीडिया पर जारी है। उन्होंने सिख संगत को अपील की कि इन लोगों से सवालों के जवाब मांगे जाने चाहिए कि कौन सी मजबूरी है कि सिख कौम को मुसीबत में धकेला जा रहा है। 
उल्लेखनीय है कि सिख संगत पिछले कई दिनों से इन बुतों को तोडऩे या किसी अन्य स्थल पर हस्तांतर करने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाए हुए है। उनका कहना है कि सिख धर्म में गिददा-भंगड़ा डालते बुतों का कोई स्थान नहीं। अगर प्रशासन ने कैरीडोर की शोभा के लिए बुत लगाने भी है तो सिख धर्म के लिए शहादत का जाम पीने वाले जरनैलों के बारे में वर्तमान पीड़ी को अवगत करवाने के लिए इतिहास लिखा जाना चाहिए। 
– सुनीलराय कामरेड
Advertisement
Next Article