Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

जगराओं पुल के निर्माण में देरी के खिलाफ लुधियानवियों द्वारा बैंड बाजों के साथ प्रदर्शन

NULL

02:26 PM Nov 08, 2017 IST | Desk Team

NULL

लुधियाना  : लुधियाना में पुराने शहर को नए हिस्से से जोडने वाले जगराओं पुल को बंद किए 500 दिन बीत जाने के बावजूद रेलवे द्वारा उसके पुन: निर्माण को लेकर कार्य न शुरू किए जाने के रोष स्वरूप लुधियानावासियों द्वारा मंगलवार सुबह एक अलग ही अंदाज से प्रदर्शन निकाला गया। जिन्होंने रखबाग से बैंड बाजों व लड्डुओं के साथ हाथों में बैनर पकड़े हुए रेलवे की इंजीनियरिंग शाखा तक रोष मार्च निकाला गया। जहां पर अस्सिटेंट डवीजनल इंजीनियर डी.एस सिद्धू के कार्यालय में मौजूद न होने कारण उन्होंने उनकी कुर्सी को ही अपना ज्ञापन व लड्डू भेंट कर दिए। साल 1888 में अंग्रेजों द्वारा बनाए गए जगराओं पुल को जुलाई 2016 में रेलवे द्वारा असुरक्षित करार देते हुए बंद कर दिया गया था।

इस अवसर पर बीते 40 दिनों से रोष स्वरूप जगराओं पुल पर झाड़ू लगा रहे गुरपाल सिंह गरेवाल ने बताया कि जगराओं पुल को बंद होने को साल बीतने पर भी उन्होंने इसकी वर्षगांठ मनाई थी, लेकिन रेलवे अधिकारियों ने अभी तक इसकी सुध नहीं ली है। कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा 6 सितंबर, 2017 को जगराओं पुल के इस हिस्से के पुन: निर्माण हेतु नींव पत्थर भी रखा गया था। सरकार की ओर से फंड भी दिए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक रेलवे ने काम नहीं शुरू किया। यहां तक कि रोष स्वरूप वह अपने बच्चों के साथ बीते 40 दिनों से रोष स्वरूप पुल पर झाड़ू लगा रहे हैं।

इसी तरह, समाज सेवी राहुल वर्मा ने कहा कि रेलवे द्वारा जुलाई 2016 में इस पुल को असुरक्षित करार देकर ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया था। रेलवे ने दावा किया था कि 365 दिनों के अंदर दोबारा इस पुल का निर्माण करके इसे चालू कर दिया जाएगा। लेकिन इस महीने के अंत पुल को बंद हुए 500 दिन बीत जाएंगे। रेलवे ने पुल का नक्शा व एस्टीमेट बनाते हुए 8 महीने लगा दिए और तीन महीने इसकी अदायगी आए बीत चुके हैं। इसके रोष स्वरूप हमने आज यहां रोष प्रदर्शन किया है, क्योंकि यह पुल पुराने व नए शहर को जोड़ता है और उद्योगपति इस पुल के जरिए अपने घरों को जाते हैं।

एक अन्य समाज सेवी अनूप गर्ग ने कहा कि रेलवे की सुस्त चाल ने उन्हें बैंड बाजे के साथ कुंभकरणीय नींद से उठाने के लिए मजबूर कर दिया है। पुल के बंद होने कारण लोगों को पुराने से नए शहर में आने को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और सारा बोझ पुल के एक हिस्से पर पड़ रहा है।

– सुनीलराय कामरेड

Advertisement
Advertisement
Next Article