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पटियाला में अर्ध सुरक्षा बलों की तैनाती 26 तक बढ़ाई

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10:21 AM Sep 22, 2017 IST | Desk Team

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चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पटियाला में शुक्रवार से शुरू हो रहे किसान धरने के मद्देनजर पटियाला शहर में अर्ध सुरक्षा बलों की तैनाती 26 सितंबर तक बढ़ाने की इजाजत दे दी है। पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नन्दा की दलील को मानते अदालत ने अर्ध सुरक्षा बल जोकि डेरा हिंसा के मद्देनजर पहले ही 20 सितंबर तक पंजाब में ही थे, को 26 सितम्बर तक पटियाला में रहने की इजाजत दे दी। अदालत ने ‘मोहित कपूर बनाम पंजाब सरकार और अन्य’ केस में अर्ध सैनिक बलों की तैनाती को जारी रखने संबंधी उत्तरदायी पक्ष के एतराजों को खारिज कर दिया और सूबा सरकार के ‘बड़े सार्वजनिक हितों को ध्यान रखते हुए’ प्रार्थना को स्वीकार कर लिया।

एडवोकेट जनरल ने अदालत को बताया कि पटियाला शहर से 5 किलोमीटर दूर शेरमाजरा दाना मंडी में 7.5 एकड़ क्षेत्र किसानों के लिए निर्धारित किया गया है जहां कि अथॉरिटीज की स्वीकृति से बिजली का कनैक्शन भी मुहैया करवाया जा रहा है। हालांकि उत्तरदायी पक्ष ने इस आधार पर इसका विरोध किया कि यह उजाड़ जगह है। माननीय अदालत ने उनको पटियाला शहर के बाहर एक बदलवीं जगह के लिए डिप्टी कमिशनर को मिलने के लिए कहा है। अदालत ने आगे कहा कि यदि किसान यूनियनों द्वारा ऐसा आवेदन दिया जाता है तो उस समय संबंधित अथॉरिटी की तरफ से उसी दिन ही फैसला लिया जाए, जैसे कि उत्तरदायी पक्ष ने अदालत को भरोसा दिलाया है कि ‘कुछ गलत नहीं होगा’ और पटियाला शहर आंदोलन की स्वीकृति देने पर पूरी शांति होगी।

अदालत ने किसान संगठनों को पटियाला में निर्धारित धरने के एक दिन पहले स्वीकृति लेने के आदेश देने के एक दिन बाद यह आदेश जारी किया और सूबा सरकार को धारा 144 सी.आर.पी.सी. की सख़्त व्यवस्था करनी यकीनी बनाने को भी कहा। अदालत ने यह भी कहा कि पटियाला शहर में आम दाखिला नहीं होगा। सरकारी प्रवक्ता अनुसार हाईकोर्ट के यह आदेश पटियाला आधारित एक वकील मोहित कपूर द्वारा दाखिल की जनहित पटीशन में आए हैं।

उन्होंने अपनी पटीशन के द्वारा कहा था कि निर्धारित धरना गैरकानून्नी है और यह कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगाडऩे और आम जनता के लिए समस्याओं का कारण बनेगा। विभिन्न किसान संगठनों, जिन में बी.के.यू., बी.के.यू. (डकोनडा), बी.के.यू. क्रांतिकारी (फूल ग्रुप), बी.के.यू. क्रांतिकारी (शिंदर ग्रुप), कीर्ति किसान यूनियन, किसान संघर्ष समिति (पनूं ग्रुप) और आजाद संघर्ष कमेटी आदि को पटीशन में सूबा और केंद्र सरकार के साथ उत्तरदायी पक्ष बनाया गया था।

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