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कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने सोमवार को जोर देकर कहा कि अभी किसी भी कीमत पर कावेरी नदी का पानी तमिलनाडु के लिए छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता है। कृष्णराज सागर (केआरएस) बांध से तमिलनाडु के लिए कावेरी का पानी छोड़े जाने के आरोपों को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और आलोचना के बीच, शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि यह पानी बेंगलुरु के लिए है, न कि पड़ोसी राज्य के लिए।
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जल संसाधन विभाग का भी कार्यभार संभाल रहे शिवकुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब किसी भी कीमत पर तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़ने का सवाल ही नहीं है, हमने नहीं छोड़ा है...तमिलनाडु में कितना पानी जाता है, इसका हिसाब है। अगर आज पानी छोड़ा जाए तो वहां तक पहुंचने में चार दिन लगेंगे। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख शिवकुमार ने कहा, ‘‘हम इस सरकार में मूर्ख नहीं हैं जो पानी (तमिलनाडु को) छोड़ दें।
‘रायथा हितरक्षण समिति’ ने रविवार को मांड्या के जिला मुख्यालय शहर में प्रदर्शन किया था और आरोप लगाया कि राज्य के कई हिस्सों में सूखे और जल संकट के बीच केआरएस बांध से तमिलनाडु के लिए पानी छोड़ा जा रहा है । प्रदेश में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने भी कांग्रेस सरकार पर हमला किया और आरोप लगाया कि वह कर्नाटक के किसानों और नागरिकों की कीमत पर तमिलनाडु में पार्टी के गठबंधन सहयोगी द्रमुक के हितों की रक्षा करना चाहती है। भाजपा ने कावेरी नदी से कथित तौर पर पानी छोड़ने के लिए सिद्धरमैया प्रशासन पर निशाना साधा।
शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि मालवल्ली में ‘शिव बैलेंसिंग’ जलाशय को फिर से भरने के लिए केआरएस बांध से कुछ पानी छोड़ा गया था, जहां से इसे बेंगलुरु भेजा जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘जहां से हम बेंगलुरु के लिए पानी भेजते हैं, वहां पानी का स्तर कम था। पंप से पानी भेजने के लिए एक निश्चित जलस्तर होना चाहिए, उस स्तर को बनाए रखने के लिए पानी छोड़ा गया... बेंगलुरु के पानी के लिए, ऐसा किया गया था।