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डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने नूहं हिंसा को लेकर उठाए सवाल, दिया चौकाने वाला बयान

देश के हर कोने में आजकल हिंसा का प्रकोप दिख रहा है। फिर चाहे वो मणिपुर हो या फिर हरियाणा में चल रहे दंगे हो। जिसमें कई मासूम बेवजह अपने जान गवा रहे हैं। इसको लेकर हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का एक बड़ा बयान सामने आया है।

08:41 AM Aug 09, 2023 IST | Desk Team

देश के हर कोने में आजकल हिंसा का प्रकोप दिख रहा है। फिर चाहे वो मणिपुर हो या फिर हरियाणा में चल रहे दंगे हो। जिसमें कई मासूम बेवजह अपने जान गवा रहे हैं। इसको लेकर हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का एक बड़ा बयान सामने आया है।

देश के हर कोने में आजकल हिंसा का प्रकोप दिख रहा है। फिर चाहे वो मणिपुर हो या फिर हरियाणा में चल रहे दंगे हो।  जिसमें कई मासूम बेवजह अपने जान गवा रहे हैं।  इसको लेकर हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का एक बड़ा बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने  हिंसा को लेकर प्रशासन को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कई बयान दिए हैं। बता दें की मणिपुर हिंसा की तरह ही नूहं हिंसा भी पुरे कोहराम मचा रहा है।  जी हाँ 31 जुलाई के दिन राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने नूहं हिंसा को लेकर कहा है की ये प्रशासन की नाकामयाबी है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा की प्रशासन नूहं में हो रही हिंसा की स्तिथि को भांपने में असफल रहे।  
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अधिकारी नहीं भांप पाए हालत 
चौटाला ने बताया की  एडिशनल डीजीपी ने 3200 लोगों से जुलूस की मंजूरी ली थी। और उसी तरीके से पुलिस बल को भी तैनात किया गया था। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इस घटना में प्रशासन स्थिति को भागने में असफल रहा है क्योंकि उनके एसपी 22 जुलाई के दिन छुट्टी पर थे और उनकी जगह जिस अधिकारी को आना था वह स्थिति को भागने में असफल रहा था । उन्होंने यह भी कहा कि जिस अधिकारी ने जुलूस की मंजूरी दी थी वह भी इस स्थिति को समझ नहीं पाया और अब इस मामले की जांच अभी जारी है। 
सिर्फ 7 घंटे के अंदर ही स्तिथि पर पाया गया काबू -चौटाला 
नेता दुष्यंत चौटाला ने इससे पहले भी कहा था की धार्मिक जुलूस के आयोजकों ने इस जुलूस में शामिल होने वाले लोगों की संख्या का कोई स्पष्ट अनुमान जिला प्रशासन को नहीं दिया। और यही सबसे बड़ी चूक थी जिसकी वजह से मुंह में हिंसा भड़की। चौटाला से कई सवाल किए गए जिसमें एक सवाल यह भी था कि उन्हें इस हिंसा के बारे में कब पता चला तो उनका जवाब सामने आया कि इस हिंसा के बारे में मुझे दोपहर में 1:30 बजे पता चला उन्होंने एडीजीपी से बात की और उनसे आग्रह किया एसएसपी को नूहं भेजा जाए। दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि इस मामले में जिन लोगों की गिरफ्तारी की गई है वह किसी एक जातीय समुदाय से नहीं जुड़े हुए। दुष्यंत चौटाला ने यह भी कहा कि सरकार सिर्फ 7 घंटे के भीतर ही इस स्थिति को काबू करने में सफल रही। 
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