टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

श्री अकाल तख्त साहिब और एसजीपीसी की अपील के बावजूद गुरू अर्जुन देव जी के शहीदी पर्व को मनाने हरमंदिर साहिब पहुंची हजारों की संगत

5वें पातशाही गुरू अर्जुन देव जी के शहीदी पर्व के अवसर पर सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में हजारों की संख्या में संगत आज नतमस्तक होने के लिए पहुंची

11:01 PM May 27, 2020 IST | Shera Rajput

5वें पातशाही गुरू अर्जुन देव जी के शहीदी पर्व के अवसर पर सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में हजारों की संख्या में संगत आज नतमस्तक होने के लिए पहुंची

लुधियाना-अमृतसर : 5वें पातशाही गुरू अर्जुन देव जी के शहीदी पर्व के अवसर पर सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में हजारों की संख्या में संगत आज नतमस्तक होने के लिए पहुंची। इस अवसर पर संगत द्वारा जहां गुरू घर में माथा टेका गया, वही इलाही वाणी का श्रवण करते सरबत के भले के लिए अरदास की। इस मोके श्री दरबार साहिब के हैड ग्रंथी भाई जगतार सिंह द्वारा संगत को साहिब श्री गुरू अर्जुन देव जी के शहीदी पर्व संगत द्वारा बड़ी ही श्रद्धा भावना के साथ मनाया गया। शहीदों के सरताज 5वें पातशाह श्री अर्जुन देव जी महाराज जी की शहादत को पूरा विश्व नमन करता है। इस मोके सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में ठंडे-मीठे जल की छबीलें भी लगाई गई। 
जबकि तरनतारन स्थित श्री दरबार साहिब में मंगलवार को गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी पर्व पर ठंडे-मीठे जल की छबीलें नहीं लगी। पंजाब के कई इलाकों में भी संगत छबीलों से वंचित रही। कोरोना से बचाव के लिए इस बार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने छबीलें न लगाने का फैसला किया है। जानकारों के मुताबिक सिख इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। सुबह साढ़े 10 बजे शहीदी पर्व को लेकर रखे गए श्री अखंड पाठ साहिब के भोग डाले गए। इसके बाद संगत श्री सुखमणि साहिबजी का पाठ कर रही है। बाद में हेड ग्रंथी ज्ञानी गुरजंट सिंह द्वारा अरदास की जाएगी। मैनेजर कुलदीप सिंह कैरोवाल ने बताया कि तरनतारन की छबीलें दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं, लेकिन इस बार छबीलें नहीं लगाई जा रही।
उधर 5वें पातशाही के शहीदी दिवस को शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी श्रद्धा भावना से गुरूद्वारा श्री रामसर साहिब में मनाया। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के चलते संगत इकटठी ना हो, इसलिए संकेतिक रूप से ही समागम हुए। बीती कल एसजीपीसी प्रधान भाई लोंगोवाल और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भी सिख संगत को अपील की थी कि शहीदी दिवस के अवसर पर संगत अपने-अपने रिहायशी स्थलों पर ही पाठ करके अरदास करें।
– सुनीलराय कामरेड 
Advertisement
Advertisement
Next Article