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यूक्रेन के गृह मंत्री बोले- रूसी सेना द्वारा बरसाए गए बम-गोले और बारूदी सुरंगों को निष्क्रिय करने में सालों लगेंगे

यूक्रेन के गृह मंत्री डेनिस मोनास्तिरिस्की ने शुक्रवार को कहा कि रूसी बलों द्वारा देश में बरसाये गए उन बम-गोले और बरूदी सुरंगों को निष्क्रिय करने में सालों लगेंगे, जो फट नहीं पाए हैं।

03:00 PM Mar 19, 2022 IST | Desk Team

यूक्रेन के गृह मंत्री डेनिस मोनास्तिरिस्की ने शुक्रवार को कहा कि रूसी बलों द्वारा देश में बरसाये गए उन बम-गोले और बरूदी सुरंगों को निष्क्रिय करने में सालों लगेंगे, जो फट नहीं पाए हैं।

यूक्रेन में रूस के द्वारा भारी तबाही का दौर जारी है। रूस अपने योजना के अनुसार यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर तेजी से बढ़ रहा है। तो वहीं, दूसरी तरफ, यूक्रेन के गृह मंत्री डेनिस मोनास्तिरिस्की ने शुक्रवार को कहा कि रूसी बलों द्वारा देश में बरसाये गए उन बम-गोले और बरूदी सुरंगों को निष्क्रिय करने में सालों लगेंगे, जो फट नहीं पाए हैं। घिर चुके कीव में मोनास्तिरिस्की ने कहा कि युद्ध खत्म होने के बाद इस भारी-भरकम काम को अंजाम देने के लिए यूक्रेन को पश्चिमी देशों की मदद की जरूरत पड़ेगी।   
मलबे के नीचे दबे ऐसे हथियार एक वास्तविक खतरा हैं 
उन्होंने कहा, “यूक्रेन पर बड़ी संख्या में बम-गोले बरसाए गए हैं। इनमें से कई में विस्फोट नहीं हो सका था। मलबे के नीचे दबे ऐसे हथियार एक वास्तविक खतरा हैं। इन्हें निष्क्रिय करने में महीनों नहीं, वर्षों लगेंगे।” मोनास्तिरिस्की के मुताबिक बिना फटे रूसी विस्फोटकों के अलावा ऐसी बारूदी सुरंगें भी खतरे का सबब हैं, जिन्हें यूक्रेनी बलों ने पुलों, हवाईअड्डों और अन्य अहम बुनियादी ढांचों को रूसी नियंत्रण से बचाने के लिए बिछाया है।  
हम अकेले दम पर उस पूरे क्षेत्र में बिछी बारूदी सुरंगों को हटाने में सक्षम नहीं 
उन्होंने कहा, “हम अकेले दम पर उस पूरे क्षेत्र में बिछी बारूदी सुरंगों को हटाने में सक्षम नहीं होंगे, इसलिए मैंने अमेरिका और यूरोपीय संघ के अपने सहयोगियों व अंतरराष्ट्रीय भागीदारों से युद्ध प्रभावित इलाकों में ऐसे विस्फोटकों को निष्क्रिय करने के लिए विशेषज्ञों का समूह तैयार करने की अपील की है।” मोनास्तिरिस्की के अनुसार रूसी बलों द्वारा लगातार जारी हमलों से लगी आग से निपटना भी एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने बताया कि रूसी गोलीबारी और उससे लगी आग पर काबू पाने के लिए कर्मचारियों और संसाधनों की भारी कमी है।
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