जींस-स्कर्ट पहने भक्त नहीं कर पाएंगे जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश, नए साल से लागू हुआ नया ड्रेस कोड
अगर आप जगन्नाथ मंदिर जाने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए हैं। ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश करने के लिए नया ड्रेस कोड जारी किया गया है। मंदिर प्रशासन द्वारा जारी निर्देश में कहा गया कि अगर किसी ने भी शॉर्ट्स, रिप्ड जींस, स्कर्ट या स्लीवलेस ड्रेस पहना है, तो उसे मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। नए साल पर जगन्नाथ मंदिर ने श्रद्धालुओं से जुड़े कपड़ों को लेकर बड़ा फैसला किया है।
HIGHLIGHTS
- जींस-स्कर्ट पहने भक्त नहीं कर पाएंगे जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश
- बड़ी संख्या में राज्य के बाहर से लोग यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं
- हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना को देखने पहुंच रहें श्रद्धालु
रिप्ड जींस और स्कर्ट को लेकर जगन्नाथ मंदिर प्रशासन सख्त
अगर आप रिप्ड जींस या स्कर्ट में भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने मंदिर पहुंचे तो शायद वहां मौजूद मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी आपको भीतर जाने से रोक देंगे। सोमवार से मंदिर प्रशासन ने ड्रेस कोड लागू किया है। निर्देश जारी करते हुए मंदिर के अधिकारी ने कहा कि भक्तों को मंदिर में प्रवेश करने के लिए सभ्य कपड़े पहनने होंगे। नया नियम लागू होते ही पुरुष धोती, गमछा और महिलाएं ज्यादातर साड़ी में दिखाई दी।
बड़ी संख्या में राज्य के बाहर से लोग यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं
मंदिर से जुड़े प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने होटलों से लोगों को ड्रेस कोड के बारे में जागरूक करने के लिए कहा है, क्योंकि बड़ी संख्या में राज्य के बाहर से लोग यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इसके साथ एजेटीए ने मंदिर के अंदर गुटखा, पान खाने के साथ-साथ प्लास्टिक की थैलियों के इस्तेमाल पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया हैं। एसजेटीए ने कहा कि नए साल के अवसर पर भीड़ को देखते हुए मंदिर के कपाट सुबह 1:40 बजे भक्तों के लिए फिर से खोल दिए गए और शाम पांच बजे तक लगभग 3.5 लाख लोगों ने मंदिर में दर्शन किए।
हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना को देखने पहुंच रहें श्रद्धालु
इन नियमों को लागू करने के लिए मंदिर प्रशासन द्वारा विस्तृत व्यवस्था की गई हैं। पुलिस के मुताबिक, इस बार नए साल के दिन मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी थी। एसजेटीए के मुख्य प्रशासक रंजन दास ने रविवार को कहा था कि अतिरिक्त उत्साह इसलिए था क्योंकि लोग हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना के कारण मंदिर के पुनर्निर्मित परिसर को अनुभव करना चाहते थे, जो लगभग पूरा हो चुका है,17 जनवरी को इसका उद्घाटन किया जाएगा।