Dhadak 2 Movie Review: क्या Tripti और Siddhanth की केमिस्ट्री ला देगी आपकी आंखों में आंसू?
सिद्धांत चतुर्वेदी ( Siddhant Chaturvedi) और तृप्ति डिमरी (Tripti Dimri) स्टारर फिल्म धड़क 2 (Dhadak 2) थिएटर में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म में कास्टिज़्म (जातिवाद) के मुद्दे को हाईलाइट किया गया है। इसमें ऊंची जाति और नीची जाति के बीच के भेदभाव को दिखाया गया है, और साथ ही रोमांस को भी कहानी में शामिल करने की कोशिश की गई है।
इस फिल्म को लेकर दर्शकों में पहले से ही काफी एक्साइटमेंट थी। लेकिन सवाल यह है — क्या यह फिल्म वाकई में लोगों के दिलों पर राज कर पाई है? क्या यह रोमांटिक-कॉमेडी वाला टच दे पाई है, जैसा ट्रेलर में दिखाया गया था? आइए जानते हैं कि धड़क 2 (Dhadak 2) आपको देखनी चाहिए या नहीं।
कहानी
सबसे पहले अगर बात करें फिल्म की कहानी की, तो इसमें दिखाया गया है कि कैसे ऊंची और नीची जातियों के बीच सामाजिक दूरी और भेदभाव बना रहता है। किस तरह की आज़ादी दोनों तबकों को मिलती है, किस तरह से उनके साथ व्यवहार किया जाता है — यही इस फिल्म की प्रमुख थीम है। कहानी की शुरुआत काफी दिलचस्प ढंग से होती है। तृप्ति डिमरी (Tripti Dimri) एक फंक्शन में डांस करती नजर आती हैं, वहीं सिद्धांत ( Siddhant Chaturvedi) बैंड बजाते हुए दिखाई देते हैं। इसके बाद कॉलेज लाइफ शुरू होती है, जहां दोनों एक-दूसरे के दोस्त बनते हैं, पढ़ाई में मदद करते हैं और धीरे-धीरे उनकी प्रेम कहानी शुरू होती है।
लेकिन दोनों की जाति अलग होने के कारण, इस प्रेम कहानी में कई बड़ी रुकावटें आती हैं। सामाजिक भेदभाव, परिवार की बंदिशें और सिस्टम की कठोरता इन दोनों को एक नहीं होने देती। अब सवाल यह उठता है — क्या ये दोनों अंत में एक हो पाएंगे? क्या जाति के बीच का अंतर मिट पाएगा? यही इस फिल्म का सस्पेंस है। कहानी का अंत एक पॉजिटिव मैसेज के साथ होता है, जो दिल को छूता है।
एक्टिंग
फिल्म में सभी कलाकारों ने अच्छा प्रदर्शन किया है — चाहे वह लीड रोल में हों या सपोर्टिंग कास्ट में। सिद्धांत चतुर्वेदी ने अपने किरदार को पूरी ईमानदारी के साथ निभाया है। उनकी बॉडी लैंग्वेज, एक्सप्रेशन्स और डायलॉग डिलीवरी काबिल-ए-तारीफ हैं। तृप्ति डिमरी (Tripti Dimri) ने भी अपनी भूमिका में जान डाल दी है। वह अपने इमोशनल सीन, डांस और रोमांटिक पलों में दर्शकों का ध्यान खींचने में सफल रही हैं। सपोर्टिंग एक्टर्स ने भी फिल्म की कहानी को मजबूत किया है।
डायरेक्शन और स्टोरीलाइन
अगर बात करें डायरेक्शन और स्टोरीलाइन की, तो यहां फिल्म थोड़ी कमजोर साबित होती है। कई जगहों पर स्क्रिप्ट कन्फ्यूज़ करती है और कुछ दृश्य बेवजह घसीटे गए लगते हैं। फिल्म को जिस तरह से ट्रेलर में एक रोमांटिक कहानी के रूप में प्रमोट किया गया था, वैसा कंटेंट दर्शकों को स्क्रीन पर देखने को नहीं मिलता। यही वजह है कि ऑडियंस की जो उम्मीदें थीं, वो कहीं न कहीं अधूरी रह जाती हैं।
इसके अलावा, फिल्म का टाइटल धड़क 2 (Dhadak 2) इसकी स्टोरीलाइन से मेल नहीं खाता। दर्शकों को यह फिल्म देखकर कहीं न कहीं आरक्षण जैसी फिल्मों की याद आ सकती है, क्योंकि थीम और ट्रीटमेंट काफी हद तक वैसा ही है। यह फिल्म एक गंभीर सामाजिक मुद्दे को उठाती है, न कि महज़ रोमांटिक लव स्टोरी को।
देखनी चाहिए या नहीं?
कुल मिलाकर अगर बात करें तो धड़क 2 (Dhadak 2) एक ऐसी फिल्म है जो एक सशक्त मैसेज देने की कोशिश करती है। अगर आपको सामाजिक मुद्दों पर बनी फिल्में पसंद हैं और साथ ही हल्का-फुल्का रोमांस देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपको पसंद आ सकती है। लेकिन अगर आप एक प्योर रोमांटिक-कॉमेडी फिल्म देखने की उम्मीद कर रहे हैं, तो यह फिल्म शायद आपको थोड़ा निराश कर सकती है।
PunjabKesari.com की तरफ से इस फिल्म को मिलती है 3 स्टार की रेटिंग।