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आज है धनतेरस, जानें पूजन का शुभ मुहूर्त और धन्वंतरि-कुबेर पूजा की सरल विधि

01:37 PM Oct 17, 2025 IST | Khushi Srivastava
आज है धनतेरस  जानें पूजन का शुभ मुहूर्त और धन्वंतरि कुबेर पूजा की सरल विधि
Dhanteras 2025 Kab Hai (Credit: AI Generated)
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Dhanteras 2025 Kab Hai: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष कार्तिक अमावस्या के दिन दीपावली का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दुनियाभर के कई देशों में भी इसका उल्लास देखने को मिलता है। दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस से मानी जाती है। हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष  की त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और भगवान कुबेर की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है।  इस दिन खरीदारी करने की भी परंपरा रही है। माना जाता है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा से जीवन में सुख और समृद्धि आती है। धनतेरस के दिन खरीदारी करने की भी परंपरा है। इस दिन सोना-चांदी, पीतल या अन्य धातू की वस्तुएं खरीदने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
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Dhanteras 2025 Kab Hai: धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त

Dhanteras 2025 Kab Hai
Dhanteras 2025 Kab Hai (Credit: AI Generated)

Dhanteras 2025 Shubh Muharat: वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष धनतेरस का पर्व शनिवार, 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 07 बजकर 16 मिनट से लेकर 08 बजकर 20 मिनट तक है। इस दौरान आप भगवान धन्वंतरि का पूजन कर सकते हैं। इस दिन पूजा करने के लिए निम्नलिखित शुभ समय रहेगा:

धनतेरस पूजा मुहूर्त: शाम 7:15 बजे से रात 8:19 बजे तक
प्रदोष काल: शाम 5:48 बजे से रात 8:19 बजे तक
वृषभ काल: शाम 7:15 बजे से रात 9:11 बजे तक

Dhanteras 2025 Puja Vidhi: धनतेरस पर कैसे करें मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर जी की पूजा

Dhanteras 2025 Kab Hai
Dhanteras 2025 Kab Hai (Credit: AI Generated)

धनतेरस के दिन सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। घर की मंदिर की सफाई करें। इसके बाद सूर्य देव को जल चढ़ाएं। एक तखत या चौकी पर मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और भगवान कुबेर की प्रतिमा को विराजमान करें। उन्हें चंदन का तिलक लगाएं और सामने दीपक जलाएं। इसके बाद मिठाई और फल का भोग लगाएं। पूजा के दौरान भगवान कुबेर के मंत्र 'ओम ह्रीं कुबेराय नमः ' का 108 बार जाप करें। धनवंतरी स्तोत्र का पाठ करें। इसके बाद आरती कर अपने बड़ों का आशीर्वाद लें।

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Khushi Srivastava

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