बिहार चुनाव में धर्मेंद्र प्रधान BJP के चुनाव प्रभारी तो केशव प्रसाद को मिली ये बड़ी जिम्मेदारी, जानें पार्टी ने क्यों जताया भरोसा
Dharmendra Pradhan Election Head: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने चुनाव प्रभारियों की घोषणा कर दी। इस तरह, इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए राज्य में पार्टी की चुनावी तैयारियाँ शुरू हो गईं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बिहार में भाजपा का चुनाव प्रभारी बनाया गया है, जबकि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य उप-चुनाव प्रभारी होंगे।
Dharmendra Pradhan Vidhan Sabha: जेपी नड्डा ने इसकी घोषणा की
भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने यह घोषणा की। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अरुण सिंह द्वारा हस्ताक्षरित एक पार्टी अधिसूचना में कहा गया है कि यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी। गौरतलब है कि एनडीए शासित बिहार में साल के अंत में, संभवतः नवंबर में, चुनाव होने वाले हैं। कुछ अपुष्ट रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि भारत निर्वाचन आयोग दशहरा और दिवाली के बीच किसी समय चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है।
Dharmendra Pradhan Education Minister: प्रधान पर भरोसा जताना कितना सही?
चुनावी राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और महागठबंधन (कांग्रेस-राजद-वामपंथी) के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। दोनों गठबंधनों ने पहले ही अपनी धार तेज़ कर दी है और एक-दूसरे को मात देने के लिए अपनी जन-सम्पर्क क्षमता बढ़ा रहे हैं। धर्मेंद्र प्रधान द्वारा भाजपा की चुनावी तैयारियों की कमान संभालना दर्शाता है कि पार्टी ने ओडिशा और पूर्वी भारत के चुनावी परिदृश्य की उनकी गहरी समझ पर भरोसा किया है।
Dharmendra Pradhan Election Head: इस वजह से इस साल का चुनाव होगा बेहद ख़ास
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का अनुभव भी आगामी चुनावों में पार्टी के पक्ष में तराजू को झुकाने में महत्वपूर्ण होगा, जबकि सी.आर. पाटिल की अनुशासित और संगठित कार्यशैली से पार्टी के चुनाव प्रबंधन को मजबूती मिलने की उम्मीद है। बिहार के चुनावी नतीजों पर पार्टियों के साथ-साथ चुनाव विश्लेषकों की भी गहरी नज़र रहेगी, क्योंकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष के 'वोट चोरी' के दावों के बाद यह पहला चुनाव है, जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर गूंज सुनाई दे रही है।
देश की सबसे पुरानी पार्टी भाजपा की संभावनाओं को कम करने के लिए इस पर पूरा भरोसा कर रही है, जबकि भाजपा विपक्ष को पटखनी देने की तैयारी कर रही है ताकि उसके 'तुच्छ और झूठे' आरोपों को कुंद किया जा सके।
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