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सत्यता की पुष्टि नहीं होने के कारण नोटिस पर कार्रवाई नहीं की : जिरवाल ने Court से कहा

महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के बागी विधायकों द्वारा कथित रूप से भेजे गए नोटिस पर कार्रवाई नहीं की, क्योंकि नोटिस की सत्यता की पुष्टि नहीं की जा सकी थी। इस नोटिस में जिरवाल को उपाध्यक्ष पद से हटाने की मांग की गई थी।

01:53 AM Jul 11, 2022 IST | Shera Rajput

महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के बागी विधायकों द्वारा कथित रूप से भेजे गए नोटिस पर कार्रवाई नहीं की, क्योंकि नोटिस की सत्यता की पुष्टि नहीं की जा सकी थी। इस नोटिस में जिरवाल को उपाध्यक्ष पद से हटाने की मांग की गई थी।

महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के बागी विधायकों द्वारा कथित रूप से भेजे गए नोटिस पर कार्रवाई नहीं की, क्योंकि नोटिस की सत्यता की पुष्टि नहीं की जा सकी थी। इस नोटिस में जिरवाल को उपाध्यक्ष पद से हटाने की मांग की गई थी।
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जिरवाल ने शीर्ष अदालत को यह भी बताया कि उन्हें हटाने की मांग वाला नोटिस संविधान के अनुच्छेद 179 (सी) के तहत वैध नहीं है क्योंकि ऐसा नोटिस केवल तभी दिया जा सकता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो।
जिरवाल ने शिंदे और अन्य द्वारा दायर उस याचिका के जवाब में यह दलील दी थी, जिसमें उपाध्यक्ष द्वारा दलबदल सहित संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत जारी उनकी अयोग्यता के नोटिस को चुनौती दी गई थी।
उपाध्यक्ष ने कहा कि उन्हें हटाने की मांग वाला नोटिस, जिस पर कथित तौर पर 39 विधायकों ने हस्ताक्षर किए थे, एक अज्ञात व्यक्ति ने कार्यालय को सौंपा था और अधिवक्ता विशाल आचार्य के पते से एक ईमेल भेजा गया था, जो विधानसभा के सदस्य नहीं हैं।
विधानसभा उपाध्यक्ष द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है, ‘‘सदन के संचालक रूप में, यह मेरा कर्तव्य था कि मुझे हटाने की मांग वाले कथित नोटिस की प्रामाणिकता के साथ-साथ उसकी वास्तविकता का सत्यापन किया जाए। यह ऐसे समय में विशेष रूप से अधिक प्रासंगिक है जब पिछले दिन ही शिवसेना के कुछ विधायक, विधायक दल के नेता के रूप में अजय चौधरी को मान्यता देने के सिलसिले में मुझसे व्यक्तिगत रूप से मिले थे।’’
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