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दिल्ली में डीजल का मूल्य अबतक के रेकार्ड लेवल पर पहुंचा

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12:05 PM Oct 03, 2017 IST | Desk Team

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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी की जेब पर लगातार बोझ बढ़ता जा रहा है। दिल्ली में डीजल की कीमतें अब तक के सबसे ऊंचे भाव 59.14 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच चुकी है। वहीं, पेट्रोल के भाव 70.88 रुपए प्रति लीटर हो गए है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अमेरिकी डॉलर के सामने भारतीय रुपया 6 महीने के निचले स्तर पर आ गया है।  साथ ही, इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड के दाम 7 डॉलर प्रति बैरल बढ़ गए है। इससे सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की लागत बढ़ गई है। इसीलिए कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है।

सबसे ज्यादा कीमतों पर बिक रहा है डीजल’
सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनी आईओसी की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक डीजल की कीमतें अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। वहीं, कोलकाता में भाव 3 साल के शिखर पर है। इसके अलावा चेन्नई और मुंबई में भी डीजल के दाम अगस्त 2014 के हाई पर है।

पेट्रोल 7.79 रुपए, डीजल 5.81 रुपए हुआ महंगा
एक जुलाई से अब तक दिल्ली में पेट्रोल के दाम 7.79 रुपये प्रति लीटर बढ़ चुके हैं। मंगलवार को दिल्ली में पेट्रोल का भाव 70.88 रुपये प्रति लीटर हो गया। जबकि, एक जुलाई को पेट्रोल के रेट्स 63.09 रुपये प्रति लीटर थे। वहीं, इस दौरान डीजल के भाव 5.81 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ चुके है।

क्यों बढ़ रहे है दाम
एक्सपर्ट्स के मुताबिक 2 महीने में कच्चे तेल के दाम 7 बैरल डॉलर बढ़े है। डॉलर के मुकाबले रुपया 6 महीने के निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा इंटरनेशनल मार्केट में पेट्रोल-डीजल के रेट्स तेजी से बढ़े है। इन्हीं सब संकेतों का असर घरेलू बाजार पर पड़ा है।

पेट्रोल-डीजल के रेट्स इन आधार पर होते हैं तय
एनर्जी एक्सपर्ट्स नरेंद्र तनेजा ने  बताया कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियां तीन आधार पर पेट्रोल और डीजल के रेट्स तय करती हैं। पहला इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड (कच्चे तेल का भाव). दूसरा देश में इंपोर्ट (आयात) करते वक्त भारतीय रुपए की डॉलर के मुकाबले कीमत. इसके अलावा तीसरा आधार इंटरनेशनल मार्केट में पेट्रोल-डीजल के क्या भाव हैं।

इसलिए 15 साल पुरानी व्यवस्था को बदला
सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पहले महीने की 15 और 30 तारीख को पेट्रोल-डीजल की कीमतों की समीक्षा किया करती थीं, लेकिन कंपनियों ने 15 साल पुरानी इस पुरानी व्यवस्था को छोड़ रोजाना समीक्षा को अपनाया ताकि ईंधन की लागत में होने वाले अंतर का तत्काल पता लगाया जा सके।

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