W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

शाहीन बाग : कानून वापस नहीं हुआ तो मरते दम तक देंगे धरना

‘जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल’ के नारे दिल्ली के शाहीन बाग में लगे। शाहीन बाग में स्थानीय महिलाएं नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरने पर बैठी हैं। शुक्रवार को यहां पंजाब से कुछ सिख युवकों का एक दल अपना समर्थन देने पहुंचा। इन युवकों के मंच पर आते ही भीड़ ने ‘जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल’ कहकर इनका स्वागत किया।

07:39 PM Jan 10, 2020 IST | Shera Rajput

‘जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल’ के नारे दिल्ली के शाहीन बाग में लगे। शाहीन बाग में स्थानीय महिलाएं नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरने पर बैठी हैं। शुक्रवार को यहां पंजाब से कुछ सिख युवकों का एक दल अपना समर्थन देने पहुंचा। इन युवकों के मंच पर आते ही भीड़ ने ‘जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल’ कहकर इनका स्वागत किया।

शाहीन बाग   कानून वापस नहीं हुआ तो मरते दम तक देंगे धरना
Advertisement
‘जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल’ के नारे दिल्ली के शाहीन बाग में लगे। शाहीन बाग में स्थानीय महिलाएं नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरने पर बैठी हैं। शुक्रवार को यहां पंजाब से कुछ सिख युवकों का एक दल अपना समर्थन देने पहुंचा। इन युवकों के मंच पर आते ही भीड़ ने ‘जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल’ कहकर इनका स्वागत किया।
Advertisement
शाहीन बाग में शुक्रवार को अन्य दिनों के मुकाबले कहीं ज्यादा महिलाएं सीएए का विरोध करने के लिए एकत्र हुई। रात होते होते जामिया से प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा हुजूम भी इन महिलाओं का साथ देने के लिए शाहीन बाग पहुंच गया।
Advertisement
75 वर्षीय चंदा नूर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आयोजित धरने में शामिल होने के लिए अकेले बदरपुर से यहां आई थी। पूछने पर उन्होंने बताया कि वह हर दिन यहां आती हैं। चंदा नूर पहले दिन से इस धरने में शामिल हैं। चंदा नूर से जब यह पूछा गया कि वह कब तक यह धरना देंगी तो उनका कहना था कि मरते दम तक या फिर सरकार जब तक कानून वापस नहीं लेती तब तक।
उधर पटियाला से आए छात्रों ने शाहीन बाग की महिलाओं को बताया कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 11 जनवरी को पंजाब के कई शहरों व चंडीगढ़ में छात्र प्रदर्शन करने जा रहे हैं।
ओखला से शाहीन बाग की ओर आने वाले मुख्य मार्ग के बीचो बीच यह धरना पिछले करीब 1 महीने से जारी है। शुक्रवार को यहां महिलाओं ने प्रदर्शन स्थल पर नमाज भी अदा की। नमाज के दौरान मंच से भाषण रोक दिया गया और सभी प्रदर्शनकारियों से शांति रखने की अपील की गई।
शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही नाहिदा ने बताया कि उनके पति और ससुर रोज अपने अपने काम पर जाते हैं और वह यहां अपना पूरा दिन सीएए के खिलाफ धरना देकर बिताती हैं। नाहिदा पूर्वी दिल्ली के उस्मानपुर में रहती हैं और उनके पति ओखला में नौकरी करते हैं। नाहिदा के मुताबिक उनके पति ही मोटरसाइकिल पर उन्हें यहां छोड़ जाते हैं और फिर रात को घर लौटते समय वापस लेने के लिए आते हैं। उनका कहना है कि वह सीएए वापस हुए बिना यहां से नहीं हटेंगी, अब उन्हें न पुलिस का डर है न जेल जाने का।
यहां आने वाली महिलाओं में दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व छात्र आकांक्षा चौधरी भी शामिल हैं। आकांक्षा ने बताया कि वह महिलाओं की हिम्मत बढ़ाने हर शाम 6 बजे के बाद 3 घंटे के लिए यहां आती हैं। आकांक्षा नेहरू प्लेस में नौकरी करती हैं और हर रोज छुट्टी के बाद सीधे शाहीन बाग पहुंचती हैं। आकांक्षा के मुताबिक उनके परिवार को भी इससे कोई एतराज नहीं है बल्कि छुट्टी के दिन वह पूरे परिवार के साथ शाहीनबाग आती हैं।
Advertisement
Author Image

Shera Rajput

View all posts

Advertisement
Advertisement
×