Dil Madharaasi Review: Sivakarthikeyan और Vidyut Jammwal का एक्शन क्या दर्शकों को कर पाया Impress?
Dil Madharaasi Review: सलमान खान स्टारर 'सिकंदर’ के बॉक्स ऑफिस पर कुछ ख़ास कमाल न दिखा पाने के बाद निर्देशक एआर मुरुगदॉस अपनी मातृभाषा तमिल में एक नई फिल्म 'मद्रासी’ लेकर लौटे हैं। हिंदी में इसे ‘दिल मद्रासी’ (Dil Madharaasi) के नाम से रिलीज किया गया है। मुरुगदॉस का कहना है कि वे तमिल में सोचते हैं, इसलिए तमिल फिल्मों में अपनी बात बेहतर ढंग से दिखा पाते हैं। इस बार उन्होंने अपने एक्शन-थ्रिलर जॉनर को चुना है। हालांकि, फिल्म देखते हुए ऐसा लगता है कि यह उनकी ही पुरानी हिट फिल्मों ‘थुप्पक्की’, ‘रमण’ और ‘गजनी’ का कॉम्बिनेशन है।
Dil Madharaasi Review
कहानी
फिल्म की कहानी अनाथ युवक रघुराम यानी शिवकार्तिकेयन (Sivakarthikeyan) की है, जो डिल्यूजनल डिसऑर्डर नाम की मानसिक समस्या से जूझ रहा है। उसका अतीत दर्दनाक रहा है और इसी दौरान उसकी जिंदगी में मालती यानी एक्ट्रेस रुक्मिणी वसंत (Rukmini Vasanth) प्यार बनकर आती है। दूसरी ओर, एनआईए ऑफिसर प्रेम यानी बीजू मेनन अवैध हथियारों की तस्करी रोकने के मिशन पर हैं। इस तस्करी में मुख्य खलनायक विराट यानी विद्युत जामवाल और उसका साथी चिराग यानी शब्बीर कल्लारकल शामिल हैं। आत्महत्या करने की कोशिशों के बाद रघुराम, प्रेम की टीम का हिस्सा बनता है और आगे की जंग यही से शुरू होती है।
एक्शन
फिल्म का रनटाइम करीब 2 घंटे 48 मिनट है, जिसमें दर्शकों को भरपूर एक्शन देखने को मिलता है। शिवकार्तिकेयन (Sivakarthikeyan) का अभिनय फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने भ्रम से पीड़ित किरदार को अच्छी तरह निभाया है और एक्शन सीन्स में काफी दमदार नजर आते हैं। रुक्मिणी वसंत भी स्क्रीन पर अच्छी लगीं।खलनायक के रूप में विद्युत जामवाल ने एक बार फिर अपनी एक्टिंग और एक्शन का अंदाज़ देखने को मिला, लेकिन उनके किरदार में नयापन नहीं दिखता।
फिल्म में कमियां
कमियों की बात करें तो फिल्म की सबसे बड़ी कमी इसका प्रेडिक्टेबल होना है। कहानी और स्क्रीनप्ले में कुछ नयापन नहीं है। मुरुगदॉस ने अपनी पुरानी फिल्मों को मिलाकर एक नया पैकेज तो बना दिया, मगर कुछ नए की कमी खलती है। कई सीन में कोई लॉजिक नहीं है। हीरो गोलियों की बौछार झेल लेता है, लेकिन एक भी गोली उसे नहीं लगती। यह सब 80-90 के दशक की मसाला फिल्मों की याद दिलाता है।
रेटिंग
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और बैकग्राउंड स्कोर ने एक्शन सीन्स को इम्पैक्टफुल बना दिया है। स्टंट को बड़े लेवल पर फिल्माया गया है, जो पर्दे पर एक्साइटमेंट को दिखता हैं। दिल मद्रासी’ पूरी तरह से एक कमर्शियल एंटरटेनर है। अगर आप फिल्म में लॉजिक ढूंढ़ना छोड़ दें, तो यह एक वन टाइम वाच फिल्म को सकती है। हालांकि, जो दर्शक कहानी और स्क्रीनप्ले में नयापन तलाशते हैं, उन्हें यह फिल्म निराश कर सकती है। इस फिल्म को PunjabKesari.com साढ़े 2 स्टार की रेटिंग देता है।
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