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तमिलनाड़ु चुनाव से पहले मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में दिनाकरन ने झोंकी ताकत

तमिलनाड़ु में कुछ दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले टीटीवी दिनाकरन ने मुस्लिम अल्पसंख्यक वोट बैंक पर नजर रखते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के साथ गठबंधन किया है।

01:53 PM Mar 15, 2021 IST | Ujjwal Jain

तमिलनाड़ु में कुछ दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले टीटीवी दिनाकरन ने मुस्लिम अल्पसंख्यक वोट बैंक पर नजर रखते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के साथ गठबंधन किया है।

तमिलनाड़ु में कुछ दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले टीटीवी दिनाकरन ने मुस्लिम अल्पसंख्यक वोट बैंक पर नजर रखते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के साथ गठबंधन किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तमिलनाडु की राजनीति में बने रहने के लिए यह चुनावी गठबंधन किया गया है।
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मालूम हो कि साल 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक, तमिलनाडु में मुस्लिमों की आबादी 5.85 प्रतिशत है, लेकिन यह एक संगठित वोट बैंक नहीं है बल्कि इनके वोट डीएमके के साथ वाली इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और मनिथानेय मक्कल काची के गठबंधन और टीटीवी दिनाकरन के साथ वाली एआईएमआईएम और एसडीपीआई के गठबंधन के बीच बंटे हुए हैं।
हालांकि, तमिलनाड़ु की उभरती हुई राजनीतिक पार्टियों एआईएमआईएम और एसडीपीआई के साथ आकर दिनाकरन ने जुआ तो खेला है, लेकिन इन पार्टियों का तमिलनाड़ु में आधार अच्छा है, जो यहां की राजनीति में जमने के लिए उनके लिए मददगार साबित हो सकती है। वही, इसके दूसरी तरफ, अभिनेता से राजनीति में कदम रखने वाले कमल हासन की पार्टी की भी मुस्लिम अल्पसंख्यक वोटों पर नजर बनी हुई है, अब चुनाव में देखना दिलचस्प होगा कि मुस्लिम आवाम किसे अपना वोट देती है। गौरतलब है कि राज्य में 6 अप्रैल को विधानसभा चुनाव होने है।
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