Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

महापंचायत में विस्थापित किसानों ने रखी मांगें, भूमि अधिग्रहण नीति पर सवाल

किसानों की मांग: सर्किल रेट संशोधन और उचित मुआवजा

01:20 AM Feb 15, 2025 IST | IANS

किसानों की मांग: सर्किल रेट संशोधन और उचित मुआवजा

यमुना प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले 14 गांवों में विस्थापन के अंतिम चरण में किसानों और प्रभावित परिवारों ने अपनी मांगों को लेकर एक महापंचायत की। इसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी पहुंचे। इसमें जेवर एयरपोर्ट के लिए चल रहे भूमि अधिग्रहण के दौरान, किसानों ने भूमि अधिग्रहण नीति के खिलाफ कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया।

किसानों का कहना है कि कृषि भूमि अधिग्रहण के बदले उन्हें 20 प्रतिशत विकसित भूमि का वितरण किया जाए, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में स्वीकार किया था।

इसके अलावा, गौतमबुद्धनगर क्षेत्र के औद्योगिक शहरी क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए सर्किल रेट को फिर से संशोधित किया जाए और भूमि अधिग्रहण कानून के तहत उचित मुआवजा प्रदान किया जाए। इसके साथ ही, नीमका, खाजपुर और थोरा गांवों के विस्थापन को लेकर किसानों ने विरोध जताया है। एसआईए सर्वे टीम ने भी इन गांवों का विस्थापन न करने की सिफारिश की थी।

किसानों ने 100 मीटर से लेकर 1,000 मीटर तक के प्लॉट के लिए सीमा बढ़ाने की मांग की। इसके अलावा, जिन किसानों के गांवों में आवासीय क्षेत्र ज्यादा हैं, उन्हें बचे हुए हिस्से का मुआवजा 26,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से दिया जाए। किसानों ने यह भी सुझाव दिया कि घरों के मूल्यांकन के लिए पीडब्ल्यूडी और रेलवे के नए मानकों का पालन किया जाए और सभी के लिए एक समान मानक रखा जाए, चाहे घर नया हो या पुराना।

किसानों की मांगों में यह भी शामिल है कि प्रत्येक बेरोजगार बच्चे को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी दी जाए या फिर उन्हें एकमुश्त 30 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। खेतिहर भूमिहीन मजदूरों को 20 लाख रुपये प्रति सदस्य बेरोजगारी भत्ता दिया जाए या फिर घर के मुखिया को 50 लाख रुपये की एकमुश्त राशि दी जाए। नाबालिग बच्चों को भी बालिग बच्चों के समान अधिकार दिए जाने की बात किसानों ने उठाई है।

Advertisement
Advertisement
Next Article