W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

देशभर में दीपावली की तैयारियां तेज, कुम्हार मंडी में मिट्टी के दीए और मूर्तियों की बढ़ी मांग

06:48 AM Oct 16, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat
देशभर में दीपावली की तैयारियां तेज  कुम्हार मंडी में मिट्टी के दीए और मूर्तियों की बढ़ी मांग
Advertisement

दीपावली का पावन पर्व नजदीक आते ही देशभर में तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं। बाजारों में रौनक बढ़ने के साथ ही मिट्टी के दीए, लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां और करवे की मांग में तेजी देखने को मिल रही है। खासकर, कुम्हार मंडी में कुम्हार दिन-रात मिट्टी के दीए और मूर्तियां तैयार करने में जुटे हैं। इस बार स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के सरकारी अभियान का असर भी साफ दिख रहा है, जिससे स्थानीय कुम्हारों के उत्पादों की मांग बढ़ी है। कुम्हार मंडी के कारीगर दीपावली से छह महीने पहले से ही तैयारियां शुरू कर देते हैं। रंग-बिरंगे और आकर्षक डिजाइनों वाले दीए और मूर्तियां तैयार की जा रही हैं, जो उपभोक्ताओं को खूब पसंद आ रही हैं। हालांकि, कुम्हारों के सामने मिट्टी की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

भारी बारिश से कुम्हारों की मुश्किलें बढ़ी

कुम्हारों का कहना है कि कुछ चुनिंदा स्थानों से ही उपयुक्त मिट्टी मिल पाती है, और इसकी कमी के कारण दीए बनाने में दिक्कतें आ रही हैं। कई कुम्हारों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सरकार से पर्याप्त मिट्टी उपलब्ध कराने की मांग की है। इस कमी के चलते कुछ कुम्हारों को गुजरात, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई जैसे राज्यों से सामान मंगवाने पड़ रहे हैं। इस साल मानसून के दौरान भारी बारिश ने भी कुम्हारों की मुश्किलें बढ़ाईं। अत्यधिक बारिश के कारण कई कुम्हार पर्याप्त मात्रा में दीए नहीं बना पाए। इसके बावजूद, मिट्टी के दीए और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की मांग में कोई कमी नहीं आई है। कुछ कुम्हारों ने बताया कि उनके द्वारा बनाए गए दीए थोक में बिक चुके हैं, जिसके चलते अब वे अन्य राज्यों से फैंसी दीए और मूर्तियां मंगा रहे हैं।

मिट्टी के दीए और मूर्तियों की बढ़ी मांग

वहीं, कुछ दुकानदारों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर बने मिट्टी के दीए और मूर्तियां ग्राहकों की पहली पसंद हैं, क्योंकि ये हमारी संस्कृति से जुड़े हैं और मिट्टी की शुद्धता को महत्व दिया जा रहा है। दीपावली की खरीदारी शुरू हो चुकी है और लोग मिट्टी के दीए, करवे और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को प्राथमिकता दे रहे हैं। उपभोक्ताओं का मानना है कि मिट्टी के दीए और मूर्तियां न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर हैं, बल्कि ये दीपावली पूजन के लिए शुद्ध और शास्त्र सम्मत भी हैं। वहीं, दीपावली के मौके पर मिठाइयों की मांग भी बढ़ गई है। देहरादून में दीपावली की तैयारियां जारी हैं। कुम्हार मंडी के कारीगरों की मेहनत और स्वदेशी उत्पादों के प्रति लोगों का रुझान इस पर्व को और भी खास बना रहा है।

Advertisement
Advertisement
Author Image

Rahul Kumar Rawat

View all posts

Advertisement
Advertisement
×