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2021: DMRC ने किया कई चुनौतियों का सामना, साथ ही हासिल की उपलब्धियां, चालकरहित ट्रेन की शुरुआत

कोविड की दूसरी लहर के कारण दिल्ली मेट्रो की यात्रा बीते साल करीब एक महीने के लिए प्रभावित हुई थी, लेकिन इसके दूसरे कॉरिडोर पर भी अगली पीढ़ी की चालक रहित ट्रेनें चलाना संभव हो सका।

05:38 PM Jan 02, 2022 IST | Desk Team

कोविड की दूसरी लहर के कारण दिल्ली मेट्रो की यात्रा बीते साल करीब एक महीने के लिए प्रभावित हुई थी, लेकिन इसके दूसरे कॉरिडोर पर भी अगली पीढ़ी की चालक रहित ट्रेनें चलाना संभव हो सका।

कोविड की दूसरी लहर के कारण दिल्ली मेट्रो की यात्रा बीते साल करीब एक महीने के लिए प्रभावित हुई थी, लेकिन इसने महामारी के बीच कई चुनौतियों का सामना किया और कुछ महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल की और इसी क्रम में इसके दूसरे कॉरिडोर पर भी अगली पीढ़ी की चालक रहित ट्रेनें चलाना संभव हो सका। करीब 59 किलोमीटर की पिंक लाइन पर चालक रहित ट्रेन का संचालन 25 नवंबर को शुरू किया गया था। इसके साथ ही यह इस अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने वाला दुनिया का चौथा नेटवर्क बन गया।
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यद्यपि नवंबर का महीना दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के लिए उपलब्धि भरा था लेकिन उसके पहले के कुछ महीने काफी चुनौतीपूर्ण थे। कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए अधिकारियों द्वारा जारी कोविड प्रतिबंधों के कारण लगभग एक महीने के बाद सात जून से यात्रियों की सीमित संख्या के साथ इसका परिचालन फिर से शुरू किया गया था।
दिल्ली में कोविड लॉकडाउन के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो सेवाओं को 10 मई से पूरी तरह से निलंबित कर दिया गया था। लॉकडाउन पहली बार 19 अप्रैल को लगाया गया था, और क्रमिक रूप से दिल्ली सरकार द्वारा इसे बढाया जाता रहा। मेट्रो सेवाएं शुरू में केवल आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों के लिए आंशिक रूप से थीं।
अधिकारियों द्वारा कोविड मानकों में छूट के बाद, दिल्ली मेट्रो 26 जुलाई से प्रत्येक सीट पर बैठने की क्षमता के साथ चल रही थी। शुरुआत में खड़े होकर यात्रा पर रोक थी, लेकिन बाद में कुछ नियमों के साथ खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, वर्ष के अंत में, ओमीक्रोन की आशंका के बीच कोविड मामलों की बढ़ती संख्या ने फिर से सरकार को 28 दिसंबर से नए प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर किया है। 
इन प्रतिबंधों के तहत, दिल्ली मेट्रो अब फिर से केवल 50 प्रतिशत बैठने की क्षमता के साथ चल रही हैं, जिसमें गत जून की तरह ही यात्रियों के लिए खड़े होने का कोई प्रावधान नहीं है। इन चुनौतियों से घिरे डीएमआरसी ने अपने लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने और अपनी सवारियों को बेहतर सुविधाएं और अधिक आरामदायक यात्रा प्रदान करने का प्रयास जारी रखा। एमआरसी ने पुरानी ट्रेनों में बदलाव करते हुए 29 नवंबर को पहली नवीनीकृत ट्रेन का अनावरण किया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह कदम दिल्ली मेट्रो द्वारा 2002 से 2007 के बीच खरीदी गई सभी 70 ट्रेन को आधुनिक मानकों के अनुरूप अपग्रेड करने के लिए चलाए गए विशेष अभियान का हिस्सा है। दिल्ली मेट्रो की योजना इस साल सितंबर तक दस ट्रेनों के पहले सेट का नवीनीकरण पूरा करने की योजना है।
डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने एलसीडी डिस्प्ले, फायर अलार्म सिस्टम, डिब्बों के अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरों और ट्रेन ऑपरेटर केबिन में आपातकालीन बटन, यूएसबी केबल के माध्यम से मोबाइल फोन और लैपटॉप के लिए चार्जिंग सॉकेट, नए फर्श आदि से सुसज्जित नयी ट्रेन का अनावरण यमुना बैंक डिपो में किया। अक्टूबर में, दिल्ली मेट्रो ने एक ऐसी सुविधा शुरू की जिससे यात्रियों को सभी येलो लाइन स्टेशनों पर मुफ्त हाई-स्पीड वाईफाई के जरिये इंटरनेट के इस्तेमाल की सुविधा मिलेगी।
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