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हनुमान जी को आज के दिन चोला चढ़ाने से चमक जाती है रातों-रात किस्मत

भगवान हनुमान का दिन मंगलवार को माना गया है। भक्त बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए इस दिन पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि बजरंगबली की इस दिन पूजा-अर्चना

08:08 AM Jan 28, 2020 IST | Desk Team

भगवान हनुमान का दिन मंगलवार को माना गया है। भक्त बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए इस दिन पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि बजरंगबली की इस दिन पूजा-अर्चना

भगवान हनुमान का दिन मंगलवार को माना गया है। भक्त बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए इस दिन पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि बजरंगबली की इस दिन पूजा-अर्चना करने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। मंगलवार या शनिवार का दिन हनुमान जी को प्रसन्न करने के तौर पर माना गया है। हालांकि विशेश रूप से लाभ हनुमान जी की पूजा मंगलवार के दिन करने से मिलता है। 
अक्सर भक्त हनुमान जी को चोला मंगलवार के दिन ही चढ़ाते हैं। हनुमान जी को चोला चढ़ाना मंगलवार के दिन ज्यादा शुभ माना गया है। मान्यताओं के अनुसार मंगलवार के दिन चोला चढ़ाने से भक्तों के जीवन से धन-संपत्ति परेशानियां हनुमान जी दूर करते हैं। 
मनुष्य को हनुमान जी को चोला चढ़ाने से पहले स्नान करके गंगा जल से हनुमान जी की प्रतिमा को शुद्ध करें।
उसके बाद देसी घी में या चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी की प्रतिमा पर लेप लगाएं।
पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि हनुमान जी को सिंदूर से लेप लगाने पर भी मान्यता है कि भगवान श्रीराम की लंबी उम्र की हम कामना करते हैं।
मान्यताओं के अनुसार सिंदूर लगाने से हनुमान जी बहुत प्रसन्न हो जाते हैं और जो व्यक्ति हनुमान जी के प्रभु श्रीराम की लंबी उम्र की कामना करता है उसके जीवन में वह खुशियां ले आते हैं। 
हनुमान जी का चोला चढ़ाना इसके बाद बहुत अहम होता है। मान्यता है कि रामजी के नाम का चोला हनुमान जी को मंगलवार के दिन चढ़ाने से लाभ प्राप्त होता है। 
चमेली के तेल का उपयोग चोला चढ़ाने के समय करना होता है। ध्यान रखें हनुमान जी के समाने एक दीपक जलाकर चोला चढ़ाते समय रख दें। चमेली का तेल दीपक में इस्तेमाल करें। 
गुलाब के फूल की माला हनुमान जी को चोला चढ़ाने के बाद पहनाएं साथ ही हनुमान जी मूर्ति के दोनों कंधों पर केवड़े का इत्र भी छिड़कें। 
हनुमान जी को जनेऊ चोला चढ़ाने के बाद चढ़ाएं। ऐसा कहा जाता है कि जनेऊ चढ़ाने से वह प्रसन्न होते हैं। हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं इसी वजह से महिलओं का स्पर्श उनकी पूजा में वर्जित माना गया है। 
हनुमान जी को जनेऊ चढ़ाने के बाद पीपल के पत्तों की माला पहनाने से व्यक्ति को फल की प्राप्ति होती है। हनुमान जी को जो पीपल के पत्तों की माला चढ़ाई जाती है उसमें 11 पत्तों को शुद्ध करके एक धागे के अंदर पिरोकर समर्पित करें। 
हनुमान जी की प्रतिमा केे जो सिंदूर आपने अर्पण किया है उसे आप तिलक की तरह अपने माथे पर भी लगाएं और हाथ जोड़कर हनुमान जी का स्मरण करें। 
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