Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

सूरत में 70 हजार रुपए में मिल रही थी डॉक्टर की फर्जी डिग्री, 14 गिरफ्तार

सूरत में डॉक्टर की फर्जी डिग्री बांटने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है।

04:14 AM Dec 06, 2024 IST | Ranjan Kumar

सूरत में डॉक्टर की फर्जी डिग्री बांटने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है।

गुजरात के सूरत में डॉक्टर की फर्जी डिग्री बांटने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। मामले में 10 फर्जी डॉक्टर समेत 14 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के क्लीनिकों से एलोपैथिक और होम्योपैथिक दवाइयां, इंजेक्शन, सिरप की बोतलें और प्रमाण-पत्र जब्त किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपियों में से तीन 70,000 रुपये में फर्जी बीईएमएस डिग्रियां बेचते थे। उनकी पहचान सूरत निवासी रसेश गुजराती, अहमदाबाद निवासी बीके रावत और उनके सहयोगी इरफान सैयद के रूप में की गई है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गुजराती और रावत ‘बोर्ड ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मेडिसिन, अहमदाबाद’ की आड़ में गिरोह चला रहे थे।

फर्जी डिग्री लेकर एलोपैथी की कर रहे थे प्रैक्टिस

पुलिस ने बताया कि सूचना मिली थी कि डॉक्टर की फर्जी डिग्री वाले तीन लोग एलोपैथी प्रैक्टिस चला रहे हैं। पुलिस के साथ राजस्व विभाग ने उनके क्लीनिकों पर छापेमारी की। पूछताछ में आरोपी ने बीईएचएम द्वारा जारी डिग्री दिखाई। पुलिस ने उसे फर्जी बताया। दरअसल, गुजरात सरकार ऐसी डिग्री जारी ही नहीं करती है।

फर्जी वेबसाइट पर कर रहे थे डिग्री का रजिस्ट्रेशन

आरोपी फर्जी वेबसाइट पर ‘डिग्री’ का रजिस्ट्रेशन कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि मुख्य आरोपी को जानकारी थी कि इलेक्ट्रो-होम्योपैथी के संबंध में नियम नहीं है तो उसने इस पाठ्यक्रम के लिए डिग्री देने के लिए एक बोर्ड बनाने की योजना बनाई। पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपी ने पांच लोगों को इलेक्ट्रो-होम्योपैथी में ट्रेनिंग दी और उन्हें इलेक्ट्रो-होम्योपैथी दवाएं लिखने की ट्रेनिंग दी। उन्होंने तीन साल से कम समय में कोर्स पूरा कर लिया। जब फर्जी डॉक्टरों को पता चला कि लोग इलेक्ट्रो होम्योपैथी के प्रति आशंकित हैं तो उन्होंने अपनी योजनाएं बदलीं और गुजरात के आयुष मंत्रालय द्वारा जारी डिग्रियों की पेशकश शुरू कर दी।

राज्य सरकार से गठजोड़ का करते थे दावा

उन्होंने दावा किया कि बीईएचएम का राज्य सरकार के साथ गठजोड़ है। पुलिस ने कहा कि उन्होंने एक डिग्री के लिए 70,000 रुपए लिए और ट्रेनिंग की पेशकश की। उन्हें बताया कि इस प्रमाण-पत्र के साथ वे बिना किसी समस्या के एलोपैथी, होम्योपैथी, आरोग्य की प्रैक्टिस कर सकते हैं।

पैसे लेने के 15 दिनों में जारी कर देते प्रमाण-पत्र

उन्होंने पैसे लेने के 15 दिनों के अंदर प्रमाण-पत्र जारी कर दिए। पुलिस ने कहा कि प्रमाण-पत्रों की वैधता भी बताई गई थी। डॉक्टरों को एक साल बाद 5,000 से 15,000 रुपये देकर लाइसेंस रिन्यू कराना था। पुलिस ने बताया कि रिन्युअल का भुगतान नहीं करने वाले डॉक्टरों को गिरोह द्वारा धमकी दी गई थी कि उनके प्रमाण-पत्र कैंसिल कर दिए जाएंगे। पुलिस ने कहा कि दो आरोपी शोभित और इरफान पैसे के गबन में संलिप्त थे।

Advertisement
Advertisement
Next Article