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अब चुनावों का रुख तय करेंगे डॉक्टर

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09:20 AM Mar 30, 2018 IST | Desk Team

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नई दिल्ली : अभी तक डॉक्टर अपने इलाज से मरीज के स्वास्थ्य की दशा और दिशा तय करते थे, लेकिन आने वाले दिनों में डॉक्टर देश की राजनीति की भी दशा और दिशा तय करेंगे। गुरुवार को यह घोषणा देश में डॉक्टरों की सबसे बड़ी संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने की। इसके तहत जहां भी चुनाव होंगे, आईएमए वहां के क्षेत्रीय इकाईयों के साथ मिलकर वहां के लिए एक हेल्थ एजेंडा तय करेगी जो भी पार्टी या उम्मीदवार इस एजेंडे को अपने घोषणापत्र में शामिल करेगा या इस पर अपनी सहमित देगा, वहां के डॉक्टर उसके ही पक्ष में मतदान करेंगे और लोगों को भी ऐसा ही करने को प्रेरित करेंगे।

इसकी शुरुआत कर्नाटक राज्य चुनाव से होगी। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रवि वानखेडकर ने गुरुवार से पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि आगामी आठ अप्रैल को इसे लेकर रायचूर में कर्नाटक के आईएमए की राज्य इकाई की वर्किंग कमेटी की बैठक होगी। जिसमें राज्य के सभी 123 ब्रांचों के सदस्य शामिल होकर इसकी आगे की रणनीति बनाएंगे। बता दें कि कर्नाटक में आईएमए के करीब 75 हजार डॉक्टर सदस्य हैं। यूनाइटेड आरडीए के चेयरमैन डॉ. अंकित ओम ने बताया कि बुधवार को कैबिनेट के अप्रुवल के बाद गुरुवार को आईएमए की एक्शन कमेटी की आपातकाल बैठक हुई।

इसमें तीन नए मामले उभरकर सामने आए, जिस पर बिल में कुछ नहीं कहा गया है। उनका कहना है कि मेडिकल के छात्रों ने बिल में डॉक्टरों के साथ होने वाली मारपीट पर सख्त केंद्रीय कानून बनाने, फीस बढ़ोतरी की छूट को वापस लेने और नीट परीक्षा को एनएमसी का ही हिस्सा बनाने की मांग की थी। लेकिन बिल में इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है। इसलिए वे इन मामलों पर भी अपनी मांगों के समर्थन में आगामी दो अप्रैल को देशभर के मेडिकल कॉलेजों में धरना प्रदर्शन करेंगे।

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