Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

डॉ रेड्डीज ने खर्च में की 25% कटौती, करोड़पति कर्मचारियों की नौकरी गई

डॉ रेड्डीज ने उच्च वेतन वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

03:53 AM Apr 14, 2025 IST | IANS

डॉ रेड्डीज ने उच्च वेतन वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

दिग्गज फर्मा कंपनी डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज कथित तौर पर कर्मचारियों पर होने वाले अपने खर्च में लगभग 25 प्रतिशत की कटौती कर रही है और सालाना एक करोड़ रुपए से अधिक के पैकेज वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है।

इसके अलावा, कथित तौर पर कंपनी ने अपने अनुसंधान एवं विकास विभाग के 50-55 वर्ष की आयु वाले कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की पेशकश भी की है।

रिपोर्टों में कहा गया है कि विभिन्न विभागों के कई उच्च वेतन वाले कर्मचारियों को पहले ही इस्तीफा देने के लिए कहा जा चुका है।

कंपनी द्वारा यह कदम परिचालन दक्षता को बढ़ाने के लिए जारी प्रयासों के बीच उठाया गया है।

आईएएनएस ने इस संबंध में डॉ. रेड्डीज से संपर्क किया, लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

ऐसा माना जा रहा है कि हाल ही में शुरू किए गए नए इनिशिएटिव के संभावित कमजोर प्रदर्शन के कारण कंपनी ने कर्मचारियों पर खर्च में कटौती का फैसला किया है।

Haryana में अंबेडकर जयंती पर PM Modi की विकास परियोजनाओं की सौगात

माना जा रहा है कि वर्कफोर्स की लागत में 25 प्रतिशत की कटौती करने से कंपनी को 1,300 करोड़ रुपए की बचत होगी।

वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में डॉ. रेड्डीज ने 1,367 करोड़ रुपए कर्मचारियों पर खर्च किए थे। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि के 1,276 करोड़ रुपए के मुकाबले सात प्रतिशत अधिक है।

वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी ने 6,281 लोगों को नौकरी दी थी और प्रशिक्षण एवं विकास में 39.2 करोड़ रुपए का निवेश किया था, जिससे कुल कर्मचारी लाभ व्यय 5,030 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। वित्त वर्ष 2023-24 में औसत कर्मचारी वेतन में सात प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

वैश्विक स्तर पर छंटनी बढ़ रही है, जिसका कारण संभवतः बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता और एआई का उपयोग है।

बॉम्बे शेविंग कंपनी के सीईओ शांतनु देशपांडे ने कहा कि बड़े पैमाने पर छंटनी के दौरान 40-49 वर्ष की आयु के कर्मचारी अधिक प्रभावित होते हैं, क्योंकि वे आमतौर पर सबसे अधिक वेतन अर्जित करते हैं।

देशपांडे के मुताबिक, कॉर्पोरेट जगत में यह एक बढ़ती हुई चिंता है। उन्होंने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में कहा, “जब बड़े पैमाने पर छंटनी होने वाली होती है, तो 40 की उम्र वाले लोग सबसे ज्यादा असुरक्षित होते हैं, क्योंकि उन्हें सबसे ज्यादा वेतन मिलता है।”

उन्होंने कहा कि यह ट्रेंड केवल भारत या फिर किसी एक देश में नहीं है, बल्कि वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है। इसकी वजह आर्थिक अस्थिरता और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल में वृद्धि होना है।

Advertisement
Advertisement
Next Article