DRDO ने पनडुब्बियों के लिए एआईपी प्रणाली विकसित करने में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भूमि आधारित प्रोटोटाइप की प्रभावशीलता को सफलतापूर्वक साबित करके डीजल संचालित पनडुब्बियों के लिए एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (एआईपी) प्रणाली के विकास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
07:35 PM Mar 09, 2021 IST | Ujjwal Jain
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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भूमि आधारित प्रोटोटाइप की प्रभावशीलता को सफलतापूर्वक साबित करके डीजल संचालित पनडुब्बियों के लिए एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (एआईपी) प्रणाली के विकास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी है ।
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बयान में कहा गया कि उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार आठ मार्च को एआईपी के प्रोटोटाइप को एंड्योरेंस मोड और अधिकतम पावर मोड में संचालित किया गया था।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘एआईपी प्रणाली डीजल-विद्युत चालित पनडुब्बी की घातकता को काफी बढ़ा देती है। एआईपी तकनीक समुद्र के अंदर पनडुब्बियों को ज्यादा देर तक रहने की इजाजत देता है। एनएमडीएल का ईंधन सेल आधारित है क्योंकि हाइड्रोजन जहाज पर उत्पन्न होता है।’’
डीआरडीओ की नौसैन्य पदार्थ अनुसंधान प्रयोगशाला इस प्रणाली को विकसित कर रही है। रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार इस तकनीक को उद्योग भागीदारों एलएंडटी और थर्मेक्स के सहयोग से सफलतापूर्वक विकसित किया गया है। यह अब पनडुब्बी में फिटमेंट के लिए पूरी तरह तैयार है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय नौसेना और उद्योग जगत को बधाई दी ।
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