DRDO ने किया Stratospheric Airship का सफल परीक्षण
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा में DRDO की नई पहल
DRDO ने मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्ट्रैटोस्फेरिक एयरशिप का सफल परीक्षण किया, जो 17 किलोमीटर की ऊंचाई पर महत्वपूर्ण डाटा एकत्रित करने में सक्षम है। यह एयरशिप जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद निगरानी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। इस परीक्षण में एनवेलप प्रेशर ट्रायल सिस्टम और इमरजेंसी डिफ्लेशन सिस्टम का उपयोग किया गया।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद देश का डिफेंस इनफ्रास्ट्रक्चर वॉर मोड में आ गया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने 3 मई 2025 को मध्य प्रदेश के श्योपुर ट्रायल साइट से स्ट्रैटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफार्म का पहला सफल फ्लाइट ट्रायल किया। यह एयरशिप डीआरडीओं की आगरा स्थित डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट द्वारा विकसित किया गया है। उड़ान के दौरान इसे लगभग 17 किलोमीटर की ऊचांई तक ले जाया गया। इस ऊंचाई पर एयरशिप ने एक खास किस्म के उपकरणों से लैस पेलोड को साथ लेकर उड़ान भरी और उसकी मदद से महत्वपूर्ण डाटा एकत्र किया गया, जो भविष्य में उच्च-ऊचाइ वाले
DRDO successfully conducts maiden flight trial of Stratospheric Airship with instrumental payload to an altitude of around 17 kms. This lighter than air system will enhance India’s earth observation and Intelligence, Surveillance & Reconnaissance capabilities, making the country… pic.twitter.com/HXeSl59DyH
— DRDO (@DRDO_India) May 3, 2025
62 मिनट तक भरी उड़ान
अन्य एयरशिप प्रजोक्ट्स केलिए बुनियाद बनेगा। DRDO ने कहा कि ट्रायल के दौरान एयरशिप में एनवेलप प्रेशर ट्रायल सिस्टम और इमरजेंसी डिफ्लेशन सिस्टम को सक्रिय किया गया, ताकि इनका व्यवहार का परखा जा सके। लगभग 62 मिनट तक चला इस उडान के बाद सिस्टम को सुरिक्षत रूप से रिकवर कर लिया गया और अब इसकी फाइनल जांच की जाएगी।
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बड़े इलाके पर रखेगा नजर
पहलगाम हमले के बाद घाटी में लगातार चिंता का माहौल है। आतंकियों की तलाश में चल रहे ऑपरेशन ने यह, साफ कर दिया है कि पारंपरिक निगरानी के तरीकों से आगे बढ़ने का वक्त आ गया हैं। ऐसे में DRDO को यह स्ट्रैटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफार्म सिर्फ एक तकनीकी कामयाबी है, बल्कि यह कश्मीर और देश के दूसरे संवेदनशील इलाकों में निगरानी के लिए एक गेम चेंजर बन सकता है। 17 किलोमीटर की ऊंचाई यानी स्ट्रेटटोस्फियर में तैनात यह एयरशिप बड़े इलाके पर नजर रख सकता है।