मुंबई एयरपोर्ट पर सोना तस्करी का भंडाफोड़, 150000000 रुपये का गोल्ड जब्त, हिरासत में 11 लोग
DRI Operation Bullion Blaze: मुंबई में डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने एक बड़े सोना तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। 'ऑपरेशन बुलियन ब्लेज' के तहत की गई इस कार्रवाई में टीम ने 11.88 किलो सोना और 8.72 किलो चांदी जब्त की है। बरामद सोने की कीमत लगभग 15.05 करोड़ रुपए और चांदी की कीमत 13.17 लाख रुपए आंकी गई है। इस पूरे मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें इस पूरे सिंडिकेट का मास्टरमाइंड भी शामिल है।
Mumbai Gold Smuggling Racket: खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई
डीआरआई को खुफिया सूचना मिली थी कि मुंबई में कुछ स्थानों पर सोने की अवैध तस्करी और उसे पिघलाने का काम चल रहा है। इस सूचना के आधार पर 10 नवंबर को अधिकारियों ने चार अलग-अलग जगहों पर एक साथ छापेमारी की, जिनमें अवैध सोना गलाने की दो भट्टियों और दो अपंजीकृत दुकानों पर कार्रवाई शामिल है।
DRI Gold Racket: छापेमारी में क्या-क्या मिला?
छापेमारी के दौरान दोनों भट्टियां पूरी तरह चालू हालत में मिलीं। वहां पर तस्करी किए गए सोने को पिघलाकर सोने की सिल्लियों में बदला जा रहा था। डीआरआई ने चारों ऑपरेटरों को हिरासत में लिया और 6.35 किलो सोना बरामद कर लिया। इसके बाद टीम ने मास्टरमाइंड द्वारा इस्तेमाल की जा रही दो दुकानों पर भी छापे मारे, जहां तस्करी का सोना प्राप्त किया जाता था और पिघलाने के बाद उसे स्थानीय बाजार में बेचा जाता था। इनमें से एक दुकान से अधिकारियों को अतिरिक्त 5.53 किलो सोना मिला।
विदेशी सोने की तस्करी
जांच में सामने आया कि यह गिरोह बड़े पैमाने पर विदेशी सोने की तस्करी कर उसे भारत में पिघलाकर बेच रहा था। मास्टरमाइंड इस सिंडिकेट को अपने पिता, एक मैनेजर, चार गलाने वाले मजदूरों, एक एकाउंटेंट और तीन डिलीवरी बॉय के साथ मिलकर चला रहा था। एकाउंटेंट का काम तस्करी किए गए सोने का हिसाब रखना था, जबकि डिलीवरी बॉय बाजार में सिल्लियां पहुंचाते थे।
DRI Operation Bullion Blaze: तस्कारियों को जड़ से खत्म करे देंगे- DRI
सभी आरोपियों को मुंबई के जेएमएफसी न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह एक संगठित और सुनियोजित तस्करी नेटवर्क था, जो भारत की गोल्ड इंपोर्ट नीति का उल्लंघन करते हुए सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा रहा था। डीआरआई ने कहा कि वह ऐसे नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। सोने की अवैध तस्करी न केवल बाजार व्यवस्था को बिगाड़ती है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्थिरता के लिए भी खतरा बनती है।
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