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मोतीहारी सीट पर महांगठबंधन में संशय बरकरार

भूमिहारों के नेता बनकर उभरे हैं। ऐसे में अखिलेश सिंह को यह डर सताने लगा है कि मोतिहारी के भूमिहार माधव आनंद को ही अपना नेता ना स्वीकार कर लें ।

07:34 PM Mar 25, 2019 IST | Desk Team

भूमिहारों के नेता बनकर उभरे हैं। ऐसे में अखिलेश सिंह को यह डर सताने लगा है कि मोतिहारी के भूमिहार माधव आनंद को ही अपना नेता ना स्वीकार कर लें ।

मोतीहारी : मोतिहारी लोकसभा सीट को लेकर महागठबंधन में रार जारी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एंव पूर्व स्थानीय सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह इस सीट पर नजरें गड़ाए हुए हैं। क्योकि कांग्रेस सांसद श्री सिंह यहां से पहली बार राजद के टिकट पर लोकसभा जीतकर केन्द्र में मंत्री बने थे। जिससे वे हर हाल में उस सीट को अपने पाले रख छोडऩा नहीं चाहते। लेकिन अब तक वे अपने मिशन में कामयाब नहीं हो सके हैं।

केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष मोतिहारी लोकसभा सीट को लेकर चर्चा चली थी। बैठक के बाद जो जानकारी निकलकर सामने आ रही है वो यह है कि अखिलेश सिंह के प्रस्ताव पर केंद्रीय नेतृत्व तैयार नहीं है। क्योंकि कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह मोतिहारी सीट से अपने बेटे को चुनाव लड़वाना चाहते हैं।

वे इस कोशिश में हैं कि अगर वह सीट कांग्रेस के खाते में गयी तो कांग्रेस से अगर सहयोगी दल के खाते में गयी तो सहयोगी पार्टी के टिकट पर अपने बेटे को चुनाव मैदान में उतार सके। लेकिन जो जानकारी मिल रही है वो यह कि अखिलेश सिंह के प्रस्ताव को केंद्रीय नेतृत्व ने नकार दिया है। हालांकि इसकी पुष्टि पार्टी नेताओं ने नही की है। महागठबंधन के भीतर मोतिहारी सीट पर रालोसपा पिछले 3 महीनों से तैयारी में जुटी है। वहां से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव माधव आनंद लगातार चुनावी दौरे में जुटे हुए हैं।

मोतिहारी में पिछले 2 दिनों से यह चर्चा तेज हो गयी थी कि राज्य सभा सांसद अखिलेश सिंह के बेटे आकाश सिंह महागठबंधन से उम्मीदवार होंगे। इसको लेकर लगातार महागठबंधन के नेता आपस मे चर्चा भी शुरू कर दिए थे। माधव आनंद भी भूमिहारों के नेता बनकर उभरे हैं। ऐसे में अखिलेश सिंह को यह डर सताने लगा है कि मोतिहारी के भूमिहार माधव आनंद को ही अपना नेता ना स्वीकार कर लें । इन्ही चिंताओं में डूबे अखिलेश बाबू सीधे पहुंच गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पास अपने पुत्र आकाश सिंह के लिए टिकट मांगने।

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