मौसम के बिगड़ते मिजाज के चलते सड़क पर मरने वालों का कहर
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लुधियाना : पिछले एक हफ्ते से पंजाब के लोगों ने सूरज देवता के दर्शन नहीं किए तो ठिठुरती ठंड के बढ़ते ही हवा प्रदूषण और गहरी धुंध के कारण लोगों का जीवन दुर्भर हो रहा है। इसी कारण जहां लोगों को स्वास्थ्य संबंधित सेहत का नुकसान हो रहा है वही दूसरी तरफ जरूरी कामधंधों के लिए सडक़ मार्ग से गंतव्य स्थानों की ओर निकले लोग हर रोज सडक़ हादसों का शिकार हो रहे है।
आज एक बार फिर सुबह सवेरे उठते ही सीमावर्ती जिले फिरोजपुर-फाजिलका सडक़ पर भयानक सडक़ हादसे की सूचना मिली, इस दर्दनाक हादसे में 8 यात्रियों के बेवक्त मर जाने का पता चला है। स्मरण रहे कि कल भी पंजाब में गहरी धुंध के चलते अलग-अलग सडक़ हादसों में मृतकों की संख्या 7 थी। उधर मौसम विभाग के विशेषज्ञों ने भी लोगों को अलर्ट किया है।
उन्होंने सावधान करते हुए कहा कि अगले 48 घंटों में सडक़ पर वातावरण में विजिबिलटी 0 रहेंगी, जिस कारण खुले मैदानों और खेत-खलिहानों की तरफ खुली सडक़ पर सफर करना बेहद खतरनाक हो सकता है। विशेषज्ञों ने लोगों को सडक़ों पर जरूरी हो तो जाने की सलाह देते हुए स्पष्ट किया कि वाहनों को तेजी से ना चलाया जाएं। अगर जरूरी है तो हो सके आपातकाल में यात्रा रेलगाड़ी द्वारा या अपने वाहन से भी धीरे-धीरे रफतार पर कंट्रोल रखकर सचेत होते हुए चलाया जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हो सके तो सुबह और शाम की यात्रा से परहेज किया जाएं।
जिक्रयोग है कि पंजाब में कई दिनों से धुंध की चादर बिछी हुई है, धुंध में प्रदूषण के चलते जहरीला समोग बन चुका है जो आम लोगों के लिए घातक साबित हो रहा है और यह सबकुछ सरकारी घोषित नीतियों के बावजूद किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाने और दीवाली व गुरूपर्व के पटाखे छोड़े जाने के कारण हुआ है।
– सुनीलराय कामरेड